मत्स्य उत्पादन के क्षेत्र में प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाना और मछुआ समुदाय के सर्वांगीण विकास हेतु राज्य सरकार दृढ़संकल्पित

उत्तर प्रदेश के मत्स्य विकास विभाग के कैबिनेट मंत्री डा0 संजय कुमार निषाद ने आज यहां लखनऊ स्थित निदेशालय सभागार में मत्स्य विभाग की समीक्षा की और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। उन्हांेने कहा कि उ0प्र0 को मत्स्य उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना और मछुआ समुदाय का सर्वांगीण विकास करना राज्य सरकार की प्राथमिकताओं में से है। उन्होंने प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना, मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना, निषादराज बोट योजना, उ0प्र0 मत्स्य पालक कल्याण कोष के अंतर्गत विभिन्न परियोजनाओं, सघन मत्स्य पालन हेतु एयरेशन सिस्टम की स्थापना तथा सहकारी समितियांे के गठन की समीक्षा की।
डॉ0 निषाद ने कहा कि उ0प्र0 मत्स्य पालक कल्याण कोष की धनराशि का मछुआ पालकों को अधिक से अधिक लाभ प्राप्त हो, पोखरों की संख्या में वृद्धि की जाय। मत्स्य मोबाइल बिक्री केन्द्रो एवं मत्स्य दुकानों की संख्या में वृद्धि की जाये। उन्होंने कहा कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 1 ट्रिलियन डॉलर बनाने में मत्स्य विभाग द्वारा योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन किया जाय। निषादराज बोट सब्सिडी योजना 2024-25 के तहत अब तक 2604 आवेदन प्राप्त हुए है। योजना की समीक्षा करते हुए मत्स्य विकास मंत्री ने कहा कि इस योजना के तहत जो भी आवेदन प्राप्त हुए हैं, उसका जिला स्तरीय चयन समिति से पात्र आवेदकों के चयन एवं रैंडमाइज्ड सूची पोर्टल पर अपलोड करते हुए निदेशालय को समय से प्रेषित किया जाए। जिससे पात्र लाभार्थियों को इस योजना का लाभ मिल सके।
मत्स्य विकास मंत्री डा0 संजय निषाद ने कहा कि मत्स्य क्षेत्र के भूमिहीन मछुआरों को किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से भी लाभान्वित कराया गया है। उन्होंने मत्स्य क्षेत्र के सभी भूमिहीन मछुआरों को केसीसी के माध्यम से ऋण मुहैया कराने हेतु दिशा-निर्देश देते हुए कहा कि इस योजना में और तेजी लाई जाए। डा0 निषाद ने कहा कि मत्स्य विभाग उत्तर प्रदेश में संचालित नयी योजना यथा-मत्स्य पालक कल्याण कोश, निषादराज बोट योजना तथा मुख्यमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना का लाभ अधिक से अधिक किसानों को दिलाया जाए। मत्स्य विकास मंत्री ने कहा कि प्रदेश को मत्स्य उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए संचालित सभी योजनाओं को युद्ध स्तर पर संचालित किया जाए ताकि मछुआ समुदाय के प्रत्येक व्यक्ति को योजनाओं का पूरा लाभ मिल सके। इसके साथ ही अनुपयुक्त जलक्षेत्र जैसे वेटलैण्ड, खारापानी जलक्षेत्र, जलाशय व नदियों को मत्स्य विकास कार्यक्रम से आच्छादित करने तथा प्रदेश के मछुआरों व मत्स्य पालकों के जीवन में आर्थिक सुधार लाने हेतु कल्याणकारी योजनाओं को प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि मत्स्य विभाग द्वारा संचालित योजनाआंे में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की जाए। समीक्षा बैठक में मत्स्य विकास विभाग के प्रमुख सचिव श्री के0 रविन्द्र नायक, निदेशक एम0एस0 रहमानी तथा अन्य वरिष्ट विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।