इज़रायल ने भारत से 10,000 निर्माण श्रमिकों और 5,000 देखभालकर्ताओं की भर्ती के लिए संपर्क किया

नई दिल्ली| इज़रायल ने अपने इंफ्रास्ट्रक्चर और हेल्थ सेक्टर में कौशल संबंधी खामियों को दूर करने के उद्देश्य से भारत से 10,000 निर्माण श्रमिकों और 5,000 देखभालकर्ताओं के लिए एक बार फिर से भर्ती अभियान चलाने का अनुरोध किया है। यह प्रक्रिया पिछले साल भी की गई थी।

इज़रायल की पॉपुलेशन, इमीग्रेशन एण्ड बॉर्डर ऑथोरिटी (पीआईबीए) ने फ्रेमवर्क, आयरन बेंडिंग, प्लास्टरिंग, और सेरेमिक टाइलिंग जैसे चार विशेष जॉब रोल्स के लिए यह अनुरोध किया है। पीआईबीए की टीम अगले सप्ताह भारत का दौरा करेगी, जहां वे कौशल संबंधी मानकों और अन्य आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए उम्मीदवारों का चयन करेगी। निर्माण श्रमिकों के लिए भर्ती अभियान का दूसरा राउंड महाराष्ट्र में आयोजित होगा।

इसके अतिरिक्त, इज़रायल को अपनी हेल्थकेयर सेवाओं में सुधार के लिए 5,000 देखभालकर्ताओं की आवश्यकता है। इसके लिए कम से कम दसवीं पास उम्मीदवार, जिनके पास मान्यता प्राप्त भारतीय संस्थान से केयरगिविंग कोर्स का सर्टिफिकेट और 990 घंटे का ऑन-द-जॉब प्रशिक्षण हो, वे आवेदन कर सकते हैं।

पिछले भर्ती अभियान में कुल 16,832 उम्मीदवारों ने कौशल टेस्ट दिया था, जिनमें से 10,349 को चुना गया। चयनित उम्मीदवारों को प्रति माह 1.92 लाख रुपये वेतन के साथ मेडिकल इंश्योरेंस, भोजन और आवास की सुविधाएं मिलेंगी। इसके अतिरिक्त, उन्हें प्रति माह 16,515 रुपये का बोनस भी दिया जाएगा।

नवंबर 2023 में जी2जी (सरकार-से-सरकार) समझौते पर हस्ताक्षर के बाद, राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) ने सभी राज्यों से भर्ती के लिए संपर्क किया। भर्ती का पहला राउंड उत्तर प्रदेश, हरियाणा और तेलंगाना में हुआ था।

भारत और इज़रायल के बीच मई 2023 में भारतीयों के अस्थायी रोजगार पर फ्रेमवर्क एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किए गए थे। जी2जी के माध्यम से जाने वाले सभी उम्मीदवारों के लिए प्रस्थान से पहले ओरिएन्टेशन प्रशिक्षण अनिवार्य है, जिसमें इज़रायली संस्कृति, जीवन के तौर-तरीके और वहां के नए घर के बारे में जानकारी दी जाती है।

यह कदम भारत को कौशल की दृष्टि से दुनिया की राजधानी बनाने के सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप है। एनएसडीसी ने इस उद्देश्य के तहत प्रतिभाशाली और कुशल उम्मीदवारों को तैयार किया है, उन्हें आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान किया है और अंतर्राष्ट्रीय साझेदारों के साथ ज्ञान के आदान-प्रदान को बढ़ावा दिया है।