बीएचयू में हुए सामूहिक दुष्कर्म के मामले आरोपियों को जमानत मिलने पर बीएचयू स्टूडेंट्स में फूटा गुस्सा

वाराणसी। पिछले वर्ष नवंबर में आईआईटी –बीएचयू की एक छात्रा के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म के मामले में 2 आरोपियों को जमानत मिलने के खिलाफ़ बीएचयू के स्टूडेंट्स ने विश्वनाथ मंदिर पर की प्रतिरोध सभा और लंका गेट तक निकाला आक्रोश मार्च। आज जब पूरा देश कोलकाता से लेकर महाराष्ट्र में हुए जघन्य महिलाओं अपराध से अक्रोशित है, वैसे समय में इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा आईआईटी बीएचयू के बलात्कारियों को जमानत देना , न्याय व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है।

आपको ज्ञात हो कि सामूहिक दुष्कर्म के आरोपी सत्ताधारी पार्टी बीजेपी के आईटी सेल के संचालक सदस्य है। वही बीजेपी पार्टी जो चुनाव में ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ की बात करती है लेकिन अपने पार्टी में बलात्कारियों को संरक्षण प्रदान करती है,यह उनके महिला विरोधी रवैए को दिखाता है। कैंपस में हुई गैंगरेप की घटना के आरोपियों का पता चलने पर जिला और बीएचयू प्रशासन इसे दबाने की पूर जोर कोशिश में लगा हुआ था लेकिन विद्यार्थियों के लगातार आक्रोश प्रदर्शन की दवाब में बीजेपी सरकार की पुलिस को आरोपियों को पकड़ना पड़ा। इसलिए इन अपराधियों को मिले जमानत पर सभी स्टूडेंट्स काफी गुस्से में है। अगर सरकार ही रेपिस्टों के प्रति ऐसा रवैया रखेगी तब न्याय की उम्मीद सरकार और न्यायालय से करना बेईमानी होगी। सभा में शामिल छात्राओं ने कहा कि अगर देश को महिलाओ के लिए सुरक्षित बनाना है तो हम न्यायपसंद और संवेदनशील लोगों को हीं आगे आना होगा , सड़क पर उतना होगा और अपनी लड़ाई खुद लड़नी होगी। छात्राओं ने कहा कि वो आईआईटी बीएचयू की छात्रा के साथ हुए दुष्कर्म के आरोपियों को जमानत मिलने का पूर जोर विरोध करते हैं और उनकी जमानत रद्द करने और उन्हें कड़ी सी कड़ी सजा देने की भी मांग करते हैं।

आज जरूरत है कि सत्ता के संरक्षण में पलने वाले ऐसे बलात्कारियों को सजा दिलाने के लिए जनता को हीं खुद अपनी जिम्मेदारी समझकर सड़कों पर एकजुट होना होगा और इस स्त्री विरोधी मानसिकता का पर्दाफाश करना होगा।
इस आक्रोश मार्च और सभा का संचालन इप्शिता ने किया, भगत सिंह स्टूडेंट्स मोर्चा के महेंद्र और बाकी साथियों ने कविता, भाषण और गीत के माध्यम से दुष्कर्म की संस्कृति के खिलाफ विरोध दर्ज करवाया। इस मार्च में काजल, आकांक्षा, सिद्धि, निधि, अंकिता, वंदना, आदर्श, सुधीर, मोहित,मुकेश, अविनाश, ऋषिकेश, आदि समेत 100 सांख्य में स्टूडेंट्स में हिस्सा लिया।