केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने 14,599 आंगनवाड़ी सह क्रेच को दी मंजूरी

Plana-Scheme

नई दिल्ली: विभिन्न राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों से प्राप्त प्रस्तावों के अनुसार 23 जुलाई 2025 तक केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा कुल 14,599 आंगनवाड़ी-सह-क्रेच को अनुमोदन दिया गया है, उनमें से 23 राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों द्वारा 2448 एडब्ल्यूसीसी को संचालित कर दिया गया है। यह जानकारी महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री सावित्री ठाकुर ने शुक्रवार को लोकसभा में एक प्रश्न के उत्तर में दी।

दरअसल, कामकाजी माताओं के बच्चों के लिए राजीव गांधी राष्ट्रीय क्रेच योजना (आरजीएनसीएस) 1 जनवरी 2006 से एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना के रूप में शुरू की गई थी, जिसमे राष्ट्रीय क्रेच निधि को कामकाजी/बीमार महिलाओं के बच्चों के क्रेच के लिए स्वैच्छिक संगठनों को सहायता योजना के साथ मिला दिया गया था। इस योजना को केंद्रीय समाज कल्याण बोर्ड (सीएसडब्ल्यूबी) और दो स्वैच्छिक संगठनों, अर्थात् भारतीय बाल कल्याण परिषद (आईसीसीडब्ल्यू) और भारतीय आदिम जाति सेवक संघ (बीएजेएसएस) के माध्यम से राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों में कार्यान्वित किया गया था।

योजना का वित्तपोषण पैटर्न 90:10 था जिसमें 90 केंद्र का और 10 कार्यान्वयन एजेंसी का था। राज्य सरकारें और संघ राज्य क्षेत्र प्रशासन इस योजना में हितधारक नहीं थीं, इसलिए इनकी निगरानी और पर्यवेक्षण अपर्याप्त था। तत्‍पश्‍चात, 31 दिसंबर 2016 से आरजीएनसीएस को बंद कर दिया गया।

वहीं,1 जनवरी 2017 से 31मार्च 2022 तक, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा पूर्ववर्ती ‘कामकाजी माताओं के बच्चों के लिए राष्ट्रीय क्रेच योजना’ (एनसीएस) के माध्यम से क्रेच सेवाएं प्रदान की गईं जो एक केंद्र प्रायोजित योजना थी। इसमें बेहतर स्थानीय निगरानी सुनिश्चित करने के लिए राज्य और संघ राज्य क्षेत्र सरकारों की हिस्सेदारी की अतिरिक्त सुविधा के साथ कार्यान्वयन एजेंसियों के रूप में गैर सरकारी संगठनों के माध्यम से स्टैंड-अलोन क्रेच संचालित किए जा रहे थे ।

मंत्रालय ने 1 अप्रैल 2022 से व्यापक मिशन शक्ति के सामर्थ्य उपयोजना के अंतर्गत पालना योजना शुरू की ताकि बच्चों (6 महीने से 6 वर्ष की आयु तक) के लिए सुरक्षित और संरक्षित वातावरण में गुणवत्तापूर्ण क्रेच सुविधा प्रदान की जा सके।

गौरतलब हो, पालना की केंद्र प्रायोजित योजना है और इसे केंद्र और राज्य सरकारों और विधानमंडल वाले संघ राज्‍य क्षेत्रों के बीच 60:40 के वित्तपोषण अनुपात के साथ लागू किया जाता है, सिवाय पूर्वोत्तर और विशेष श्रेणी के राज्यों के, जहां अनुपात 90:10 है। विधानमंडल के बिना संघ राज्‍य क्षेत्रों के लिए केंद्र सरकार द्वारा 100% वित्तपोषण प्रदान किया जाता है।

आंगनवाड़ी केंद्र दुनिया के सबसे बड़े बाल देखभाल संस्थान हैं, जो बच्चों को आवश्यक देखभाल और सहायता प्रदान करने के लिए समर्पित हैं। इसमें अंतिम लाभार्थी तक देखभाल सुविधाएं सुनिश्चित होती हैं। इसके अलावा, मंत्रालय ने आंगनवाड़ी-सह-क्रेच (एडब्‍ल्‍यूसीसी) के माध्यम से बाल देखभाल सेवाओं का विस्तार किया है।