योग तन ही नहीं मन के लिए भी जरूरी – लोकसभा स्पीकर ओम बिरला

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नई दिल्ली । लोकसभा स्पीकर ओम बिरला (Lok Sabha Speaker Om Birla) ने कहा कि योग तन ही नहीं (Yoga not only for the Body) मन के लिए भी जरूरी है (But also important for the Mind) । इस बार की थीम “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग” है।

ओम बिरला ने एक्स पोस्ट पर लिखा, “न तस्य रोगो न जरा न मृत्युः प्राप्तस्य योगाग्रिमयं शरीरम् अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं। योग केवल शरीर को स्वस्थ रखने का माध्यम ही नहीं, अपितु यह आत्मा की शुद्धि, चित्त की स्थिरता और जीवन के हर पहलू में संतुलन स्थापित करने की चिर पुरातन भारतीय परंपरा है। यह हमारी प्राचीन सांस्कृतिक धरोहर है, जो आज सम्पूर्ण विश्व को स्वास्थ्य, शांति और समरसता की ओर ले जा रही है। योग आज एक वैश्विक आंदोलन बन चुका है, जिसे विश्वभर में करोड़ों लोग अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा बना चुके हैं। इस वर्ष की थीम “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग” है, जो हमारे लोकवाक्य “सर्वे संतु निरामयाः” की भावना से प्रेरित होकर मानव और पृथ्वी के सामूहिक कल्याण की समग्र दृष्टि को अभिव्यक्त करता है। उन्होंने आगे कहा, “इस अवसर पर आइए, हम ‘स्वयं और समाज के लिए योग’ की भावना को आत्मसात करें, स्वयं योग से जुड़ें और अपने आस-पास के लोगों को भी इस दिव्य पथ पर प्रेरित करें। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर समस्त मानव जाति के शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक निरामय के साथ वैश्विक शांति एवं कल्याण की मंगलकामना करता हूं।”

केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने भी एक्स पर एक वीडियो क्लिप (योग करते दिख रहे हैं) पोस्ट करते हुए लिखा, योग सिर्फ कसरत नहीं है – यह एक अभ्यास है। सांस, संतुलन और गति के ज़रिए हम खुद से जुड़ते हैं। मैं आप सभी से आग्रह करता हूँ कि योग को अपने जीवन का एक हिस्सा बनाएं।

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी मानसिक और आध्यात्मिक उन्नयन के लिए इसे जरूरी बताते हुए एक्स पर लिखा, “सभी प्रदेशवासियों एवं योग साधकों को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं। भारत की ऋषि परंपरा ने मानसिक और आध्यात्मिक उन्नयन के साथ शरीर को भी स्वस्थ रखने के लिए योग विद्या प्रदान की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व कल्याण के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर योग की अलख जगाकर विश्व बंधुत्व की भावना को प्रबल बनाया है। आइए, हम सब योग को अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाएं और “स्वस्थ भारत – समर्थ भारत” की दिशा में योगदान दें।”

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