दिहुली नरसंहार: खून से लाल हो गई थी गांव की धरती
लखनऊ /मैनपुरी: उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिला में ऐसा नरसंहार हुआ, जिसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। गांव में एक साथ 25 अनुसूचित जाति के लोगों की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड में 43 साल बाद अब मैनपुरी में सुनवाई होगी।
फिरोजाबाद के थाना जसराना के गांव दिहुली कांड का मुकदमा अब मैनपुरी न्यायालय में चलेगा। वर्ष 1981 में हुए सामूहिक नरसंहार में दिहुली के अनुसूचित जाति के 25 लोगों की बदमाशों के गिरोह ने गांव में ही दिन दहाड़े गोलियों से भूनकर हत्या कर दी थी।
यह मुकदमा अपर जिला जज कोर्ट नंबर 21 जिला न्यायालय इलाहाबाद में चल रहा था। उच्च न्यायालय के आदेश के बाद मुकदमे को सुनवाई के लिए मैनपुरी न्यायालय में भेजा गया है।
वर्ष 1981 में मैनपुरी जिले के थाना जसराना के गांव दिहुली में सामूहिक नरसंहार हुआ था। अब यह गांव फिरोजाबाद जिले में आता है।
जातीय रंजिश के चलते हुई घटना में अनुसूचित जाति के 24 लोग मौके पर मारे गए थे। एक घायल की उपचार के दौरान फिरोजाबाद के अस्पताल में मौत हो गई थी। बदमाशों ने हत्या करने के बाद घरों में लूटपाट भी की थी।
18 नवंबर 1981 को हुए सामूहिक नरसंहार की रिपोर्ट दिहुली के रहने वाले लायक सिंह ने अगले दिन 19 नवंबर को थाना जसराना में दर्ज कराई थी। इस रिपोर्ट में राधेश्याम उर्फ राधे, संतोष सिंह उर्फ संतोषा के अलावा दो महिलाओं सहित 24 लोगों के खिलाफ सामूहिक नरसंहार करने का आरोप लगाया गया था।
इस मुकदमे की सुनवाई अपर जिला जज कोर्ट नंबर 21 जिला न्यायालय इलाहाबाद मनोज कुमार मिश्रा के न्यायालय में चल रही थी।
उच्च न्यायालय के आदेश के बाद अब इस मुकदमे की सुनवाई जिला मैनपुरी न्यायालय में की जाएगी। इलाहाबाद न्यायालय से इस फाइल को मैनपुरी न्यायालय में भेज दिया गया है।