एनारॉक रिपोर्ट: एआईएफ में घरेलू और विदेशी निवेशकों का बढ़ता रुझान
मुंबई: भारत में वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) में अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड (एआईएफ) का निवेश 4.49 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो देश की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था का संकेत है। एनारॉक रिसर्च द्वारा संकलित सेबी डेटा के अनुसार, इस अवधि में विभिन्न क्षेत्रों में एआईएफ निवेश का बड़ा हिस्सा रियल एस्टेट में गया, जो कुल 75,468 करोड़ रुपये (17 प्रतिशत) था।
विभिन्न क्षेत्रों में एआईएफ निवेश:
रिपोर्ट में बताया गया कि अन्य प्रमुख क्षेत्रों में भी एआईएफ निवेश ने उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की:
- आईटी/आईटीईएस: 27,815 करोड़ रुपये
- वित्तीय सेवाएं: 25,782 करोड़ रुपये
- एनबीएफसी: 21,503 करोड़ रुपये
- बैंकिंग सेक्टर: 18,242 करोड़ रुपये
- फार्मा: 17,272 करोड़ रुपये
- एफएमसीजी: 11,680 करोड़ रुपये
- रिटेल: 11,389 करोड़ रुपये
- रिन्यूएबल एनर्जी: 10,672 करोड़ रुपये
- अन्य क्षेत्र: 2,29,571 करोड़ रुपये
एआईएफ में वृद्धि का प्रमुख कारण:
एनारॉक ग्रुप के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा कि पिछले एक दशक में एआईएफ में निवेश के लिए उपलब्ध फंडों की संख्या में मजबूत वृद्धि हुई है। पिछले छह वर्षों में, एआईएफ की कुल प्रतिबद्धता में 340 प्रतिशत से अधिक वृद्धि हुई है। वित्त वर्ष 2019 में यह 2,82,148 करोड़ रुपये थी, जो वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही में 12,43,083 करोड़ रुपये हो गई।
रियल एस्टेट में निवेश में उछाल:
पुरी ने बताया कि एआईएफ के माध्यम से रियल एस्टेट क्षेत्र में कुल निवेश वित्त वर्ष 2024 के अंत में 68,540 करोड़ रुपये से बढ़कर 2025 की पहली छमाही में 75,468 करोड़ रुपये हो गया, जो 10 प्रतिशत की बढ़त है। यह निवेश विशेष रूप से कैटेगरी II एआईएफ द्वारा संचालित हो रहा है, जिसमें रियल एस्टेट फंड्स, प्राइवेट इक्विटी, डेट फंड, और फंड ऑफ फंड्स शामिल हैं।
घरेलू और विदेशी निवेशकों की भागीदारी:
परंपरागत रूप से, घरेलू निवेशक एआईएफ फंडिंग के प्राथमिक स्रोत रहे हैं। हालांकि, अब विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की भागीदारी भी बढ़ रही है, विशेषकर कैटेगरी II एआईएफ में। इस श्रेणी में अब घरेलू और विदेशी निवेशकों की लगभग बराबर की भागीदारी हो गई है, जो एआईएफ के बढ़ते महत्व को दर्शाता है।
एआईएफ के बढ़ते निवेश का भविष्य:
फाइनेंशियल ईकोसिस्टम में एआईएफ निवेश की भूमिका लगातार बढ़ रही है। यह न केवल रियल एस्टेट बल्कि अन्य उभरते क्षेत्रों में भी भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती का प्रतीक है।