यूपी सरकार के आदेश के बाद दुकानदारों ने कांवड़ रूट पर लगाए नेम बोर्ड

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२२ जुलाई से सावन का पवित्र महीना शुरू होने के कारण और ऐसे में कांवड़ियों की यात्रा भी शुरू होगी| मुजफ्फरनगर में पुलिस ने किसी भी “भ्रम” से बचने के लिए कांवड़ यात्रा मार्ग पर सभी भोजनालयों को अपने मालिकों के नाम प्रदर्शित करने का आदेश दिया है, जिसे विपक्षी दलों ने मुस्लिम व्यापारियों को निशाना बनाने के रूप में देखा है|  इस फैसले की राजनेताओं और नागरिक समाज के सदस्यों ने आलोचना की है| समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गुरुवार को कहा कि मुजफ्फरनगर पुलिस का कांवड़ यात्रा मार्ग पर भोजनालयों से अपने मालिकों के नाम प्रदर्शित करने का आदेश देना ‘‘सामाजिक अपराध’’ है और अदालतों से मामले का स्वत: संज्ञान लेने को कहा|

“मुजफ्फरनगर के पुलिस प्रमुख अभिषेक सिंह ने सोमवार को कहा”, “कांवड़ यात्रा मार्ग का लगभग २४० किलोमीटर हिस्सा जिले में पड़ता है| मार्ग पर होटल, ढाबे और ठेले सहित सभी भोजनालयों को अपने मालिकों या इन दुकानों पर काम करने वालों के नाम प्रदर्शित करने के लिए कहा गया है| यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया है कि कांवरियों के बीच कोई भ्रम न हो और कोई कानून-व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न न हो|  सभी स्वेच्छा से इसका पालन कर रहे हैं, “उन्होंने कहा.