सस्ते घरों के खरीदार कहां गए? जानिए क्यों करोड़ों के बंगले खरीद रहा है भारत का मिडिल क्लास

नई दिल्ली: भारतीय रियल एस्टेट बाजार एक बड़े बदलाव के दौर से गुजर रहा है। एक समय जहां मध्यम वर्ग के लिए किफायती घर पहली पसंद हुआ करते थे, वहीं अब लग्जरी और प्रीमियम घरों की बिक्री ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। 2024 और 2025 में यह ट्रेंड इतना बदला है कि किफायती घरों की मांग और आपूर्ति दोनों में भारी गिरावट आई है, जबकि करोड़ों के आलीशान बंगले और फ्लैट्स धड़ल्ले से बिक रहे हैं। आखिर इस बदलाव की वजह क्या है और आम आदमी के लिए इसके क्या मायने हैं?
भारत का मध्यम वर्ग अब घर को सिर्फ जरूरत नहीं, बल्कि स्टेटस और बेहतर जीवनशैली का प्रतीक मान रहा है। यह बदलाव खासकर कोरोना महामारी के बाद तेजी से आया है। लॉकडाउन में घर पर अधिक समय बिताने के कारण लोग अब बड़े घर, खुली जगह, स्विमिंग पूल, क्लब हाउस और स्मार्ट होम जैसी सुविधाओं को तरजीह दे रहे हैं। पति-पत्नी दोनों की कमाई (डबल-इनकम) वाले परिवारों की संख्या बढ़ने से उनकी संयुक्त रूप से लोन लेने की क्षमता बढ़ी है, जिससे वे महंगे घर खरीदने में सक्षम हो पाए हैं।
नाइट फ्रैंक इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, 2025 की पहली छमाही में ही 1.5 करोड़ रुपये से अधिक कीमत वाले 75,000 से ज्यादा घर बिके, जो इस बदलते ट्रेंड को साफ दिखाता है।
इस बदलाव के पीछे रियल एस्टेट डेवलपर्स की रणनीति भी एक बड़ी वजह है। किफायती आवास की तुलना में लग्जरी प्रोजेक्ट्स में मुनाफा 20-30% तक अधिक होता है। जमीन की बढ़ती कीमतों और महंगे कच्चे माल के कारण डेवलपर्स के लिए कम बजट वाले घर बनाना अब आकर्षक नहीं रहा। एनारॉक रिसर्च के आंकड़े बताते हैं कि 2022 में जहां 3.1 लाख किफायती घर बिके थे, वहीं 2024 में यह संख्या 36% घटकर सिर्फ 1.98 लाख रह गई।
आंकड़े बताते हैं कि बाजार से किफायती घर गायब होते जा रहे हैं। एनारॉक के मुताबिक, 2025 की पहली छमाही में 50 लाख रुपये से कम कीमत वाले घरों की बिक्री में 43% की भारी गिरावट आई है। निजी डेवलपर्स अब इस सेगमेंट में पैसा लगाने से कतरा रहे हैं।
पिछले कुछ सालों में घरों की कीमतों में औसतन 11% की बढ़ोतरी हुई है। साथ ही, होम लोन की ब्याज दरें बढ़ने से EMI का बोझ भी बढ़ा है। इसका सीधा असर मध्यम वर्ग की जेब पर पड़ा है, जिनकी आय का एक बड़ा हिस्सा अब EMI चुकाने में जा रहा है। वहीं, उच्च आय वर्ग और NRI निवेशक इन बढ़ी हुई कीमतों और ब्याज दरों से कम प्रभावित हुए हैं, जिससे लग्जरी सेगमेंट में मांग लगातार बनी हुई है।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर सरकार ने होम लोन पर ब्याज छूट की सीमा बढ़ाने और किफायती आवास योजनाओं को सही प्रोत्साहन देने जैसी नीतियां नहीं अपनाईं, तो आम आदमी के लिए घर खरीदना एक सपना ही बनकर रह जाएगा और रियल एस्टेट बाजार में लग्जरी सेगमेंट का दबदबा और भी बढ़ जाएगा।