GST कटौती के बाद इंश्योरेंस सेक्टर पर क्या पड़ा असर, किस तरह का बीमा चुन रहे लोग
सरकार के हालिया जीएसटी सुधारों का असर अब बीमा क्षेत्र में भी साफ दिखने लगा है। रियल एस्टेट, ऑटो और एमएसएमई की तरह अब बीमा उद्योग को भी बड़ी राहत मिली है। हेल्थ इंश्योरेंस पर जीएसटी खत्म होने के बाद लोगों की रुचि बीमा योजनाओं की ओर तेजी से बढ़ी है। पॉलिसी बाजार की एक रिपोर्ट के अनुसार स्वास्थ्य बीमा कवरेज की मांग में 38 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। रिपोर्ट बताती है कि जीएसटी हटने के बाद अब लोग ज्यादा कवरेज वाली स्वास्थ्य बीमा योजना लेना पसंद कर रहे हैं। पहले जहां औसत बीमा कवरेज 13 लाख था, अब यह बढ़कर ₹18 लाख तक पहुंच गया है। यानी ग्राहक अब न्यूनतम सुरक्षा के बजाय पूरी वित्तीय सुरक्षा को प्राथमिकता दे रहे हैं।
ये प्लान हो रहे ज्यादा लोकप्रिय
जीएसटी छूट के बाद लगभग 45 प्रतिशत ग्राहक अब 15 से 25 लाख के कवरेज वाली योजनाएं चुन रहे हैं। करीब 24 फीसदी लोग 10-15 लाख सीमा की योजनाएं ले रहे हैं, जबकि केवल 18 फीसदी ग्राहक ही 10 लाख से कम कवरेज वाले विकल्प चुन रहे हैं।
22 सितंबर 2025 से लागू हुआ नया नियम
केंद्र सरकार ने 22 सितंबर 2025 से स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर जीएसटी पूरी तरह समाप्त कर दिया है। यह फैसला रेट रेशनलाइजेशन की प्रक्रिया के तहत लिया गया, ताकि आम उपभोक्ताओं के लिए बीमा योजनाएं सुलभ और किफायती बन सकें। अब लोगों को अपने बीमा प्रीमियम पर कोई टैक्स नहीं देना पड़ता।

छोटे शहरों और बुजुर्गों में बढ़ी जागरूकता
रिपोर्ट के अनुसार, टियर-2 शहरों के लोगों में भी हाई कवरेज प्लान के प्रति रुझान बढ़ा है। इन शहरों में 15-25 लाख कवरेज वाले प्लान की हिस्सेदारी 44.1% से बढ़कर 48.6% हो गई है। वहीं, 10 लाख से कम कवरेज वाले प्लान की हिस्सेदारी घटकर 16.8% रह गई है। 61 से 75 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगों में हाई कवरेज प्लान की मांग में 11.54 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इसका मतलब है कि वरिष्ठ नागरिक अब बढ़ते मेडिकल खर्चों से सुरक्षा के लिए बड़ी राशि का कवरेज चुन रहे हैं।

