उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन आज आएंगे काशी, नागरथर समुदाय के दान से बनी धर्मशाला का करेंगे उद्घाटन

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लखनऊ: उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन शुक्रवार को काशी आ रहे हैं। जिला प्रशासन के मुताबिक वह शाम करीब 5 बजे विशेष विमान से दिल्ली से बाबतपुर एयरपोर्ट पहुंचेंगे। करीब ढाई घंटे के प्रवास के दौरान श्रीकाशी नाट्टूकोट्टई नगर क्षेत्रम मैनेजिंग सोसाइटी की ओर से निर्मित 10 मंजिली धर्मशाला का उद्घाटन करेंगे। इसके बाद बाबा विश्वनाथ का दर्शन-पूजन कर शाम शाम 7.40 बजे दिल्ली रवाना होंगे। उनके सभी कार्यक्रमों में मुख्यमंत्री योगी भी साथ रहेंगे।

नागरथर समुदाय के दान से बनी धर्मशाला
सिगरा की तीन सितारा ग्रेडिंग वाली नाट्टुकोट्टई धर्मशाला किसी सरकारी सहयोग से नहीं बल्कि तमिलनाडु के 24 हजार नागरथर समुदाय के दान से बनी है। समुदाय ने यह जमीन वर्ष 1875 में साढ़े पांच हजार रुपये में खरीदी थी। यहां काशी विश्वनाथ मंदिर में चढ़ाने के लिए फूलों का नंदवन लगाया गया था। लेकिन कुछ वर्ष बाद ही एक माफिया का कब्जा हो गया। तीन वर्ष पूर्व योगी सरकार ने जमीन मुक्त कराकर फिर समुदाय को सौंपी। अब यहां तैयार धर्मशाला के भव्य भवन का शुक्रवार को उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन उद्घाटन करेंगे।

जमीन का संरक्षण करने वाली संस्था श्रीकाशी नाट्टुकोट्टई नगर क्षेत्रम मैनेजिंग सोसाइटी के अध्यक्ष लेना नारायणन ने बताया कि नागरथर समुदाय ने 67500 वर्ग फीट क्षेत्रफल में फैली जमीन विशेष रूप से बाबा विश्वनाथ मंदिर में पुष्प चढ़ाने के लिए क्रय की थी। इन्हीं पुष्पों की माला का अर्चन वर्षों तक होता रहा। इसे विश्वनाथजी का नंदवन कहा जाता था। कुछ वर्षों पहले तक एक माफिया द्वारा कब्जा कर व्यवस्था बाधित करने का प्रयास किया गया, लेकिन प्रदेश सरकार के सहयोग से एक बार फिर बाबा भक्तों के लिए एक बड़ी धर्मशाला सेवा देने को तैयार है।

उन्होंने बताया समुदाय के लोग विदेश में भी हैं। उनके दान के 65 करोड़ रुपये से 15 हजार 500 वर्ग फीट में 10 मंजिले भवन का निर्माण संभव हो पाया है। भवन के सभी 140 कमरे वातानुकूलित है। इसमें 25 सुईट और वीआईपी रूम हैं। डबल और ट्रिपल बेड रूम है। यहां एक साथ 500 लोग रह सकते हैं। भवन के अंदर 175 कार क्षमता वाली पार्किंग भी है। धर्मशाला में भोजन की व्यवस्था निःशुल्क रहेगी। यह पूरी व्यवस्था धर्मशाला के हिसाब से ही चलाई जाएगी। अभी कमरों का किराया तय नहीं है, लेकिन जो होगा वह बाबा भक्तों के लिए सुगम होगा। यह पहल काशी और तमिलनाडु के बीच सदियों पुराने आध्यात्मिक और सांस्कृतिक बंधन को दर्शाता है।

जनवरी से संचालन की है तैयारी
अध्यक्ष ने बताया कि भवन तैयार हो गया है। अब संचालन की तैयारी है। लक्ष्य है कि जनवरी के पहले हफ्ते में इसे शुरू कर दिया जाये। इसकी सुविधाएं पूरी तरह होटल सरीखी रहेंगी। बुकिंग के लिए ऑनलाइन पोर्टल होगा। नागरथर समुदाय की उत्पत्ति 1000 साल से भी पहले की है। यह एक तमिल व्यापारिक समुदाय है जो मुख्य रूप से तमिलनाडु के चेट्टीनाड क्षेत्र से है। इसे नाट्टुकोट्टई चेट्टियार के नाम से भी जाना जाता है। ऐतिहासिक रूप से वे वाणिज्य, बैंकिंग और धन दान में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। उन्होंने अपनी उदारता के माध्यम से कई मंदिरों, स्कूलों और विश्वविद्यालयों का निर्माण और वित्तपोषण किया है। यह समुदाय हिंदू धर्म का अनुयायी है, शिव और मुरुगा की पूजा करता है।

240 वर्ष से जाती है बाबा की आरतियों की सामग्री
अध्यक्ष ने बताया कि गोदौलिया में नाट्टुकोट्टई नगर क्षेत्रम का कार्यालय है। 240 वर्षों से बाबा विश्वनाथ को यहीं से तीन पहर-मंगला, भोग और शृंगार आरतियों की सामग्री जाती हैं। वहीं सिगरा स्थित धर्मशाला स्थल से अब भी फूलों की माला बाबा को चढ़ाने के लिए भेजी जाती है। बताया कि धर्मशाला के उद्घाटन पर पूजन आयोजित किया जाएगा। जो सुबह 7 बजे से शुरू हो जाएगा।