फिल्म ‘द साबरमती रिपोर्ट’ ने सत्य और न्याय के लिए जागरूकता बढ़ाई: ए.के. शर्मा”

71850e0a-21f2-481d-ab10-5b433ff169a0

लखनऊ : 11 दिसंबर, 2024 की रात उत्तर प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने अपने समर्थकों, शुभचिंतकों, पार्टी कार्यकर्ताओं और अन्य सम्मानित अतिथियों के साथ लखनऊ के गोमती नगर स्थित फन मॉल में गुजरात के 2002 के गोधरा ट्रेन हादसे पर आधारित फिल्म ‘द साबरमती रिपोर्ट’ की विशेष स्क्रीनिंग में भाग लिया। यह फिल्म गोधरा ट्रेन हादसे की घटना और उसके बाद की परिस्थितियों पर आधारित है, जिसने समाज में गहरे सवाल उठाए थे। इस फिल्म ने घटनाओं का वास्तविक चित्रण प्रस्तुत किया है और यह फिल्म समाज में जागरूकता फैलाने का प्रयास करती है।

फिल्म का महत्व: एक सामाजिक और राष्ट्रीय चेतावनी

फिल्म देखने के बाद ए.के. शर्मा ने इसे प्रेरणादायक और समाज को दिशा देने वाली फिल्म बताया। उन्होंने कहा कि यह फिल्म न केवल एक ऐतिहासिक घटना को उजागर करती है, बल्कि समाज को सत्य, न्याय और एकता के महत्व को भी समझाती है। मंत्री ने फिल्म को एक प्रेरणा के रूप में देखा, जो समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का कार्य करती है और लोगों को मिलजुलकर रहने के लिए जागरूक करती है।

शर्मा ने यह भी कहा कि ‘द साबरमती रिपोर्ट’ में गोधरा हादसे की सच्चाई को बेहद प्रभावी तरीके से दर्शाया गया है। फिल्म के माध्यम से समाज को यह समझ में आता है कि यह घटना केवल एक स्थानीय विवाद का परिणाम नहीं था, बल्कि देश विरोधी तत्वों द्वारा रची गई एक साजिश थी, जिसका उद्देश्य गुजरात की सामाजिक व्यवस्था को नष्ट करना था। इस फिल्म ने समाज में फैली कई भ्रांतियों और गलतफहमियों को दूर किया है और सही तथ्यों को सामने रखा है।

सच्चाई का पर्दाफाश: भ्रांतियों और गलत धारणाओं को हटाना

ए.के. शर्मा ने विशेष रूप से यह उल्लेख किया कि इस फिल्म ने गोधरा हादसे के संदर्भ में फैली भ्रांतियों को स्पष्ट किया है। यह फिल्म उस समय के गुजरात सरकार के बारे में फैलाई गई नकारात्मक छवि को भी उजागर करती है और बताती है कि किस प्रकार इस घटना को राजनीतिक उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किया गया था। उन्होंने कहा कि गोधरा ट्रेन हादसे के बाद, गुजरात में कानून व्यवस्था को बनाए रखने और शांति स्थापित करने के लिए उठाए गए कदमों को देश और दुनिया में गलत तरीके से प्रचारित किया गया, जिससे राज्य सरकार की छवि धूमिल करने की कोशिश की गई।

शर्मा ने यह भी बताया कि ‘द साबरमती रिपोर्ट’ फिल्म ने यह स्पष्ट किया है कि गोधरा ट्रेन हादसा एक अमानवीय कृत्य था, जिसे देश और समाज के विरोधी तत्वों ने अंजाम दिया था। फिल्म के माध्यम से यह दर्शाया गया है कि किसी भी परिस्थिति में सत्य और न्याय के पक्ष में खड़ा होना आवश्यक है और अन्याय के खिलाफ आवाज उठाना हमारी जिम्मेदारी है।

समाज में भाईचारे को बढ़ावा: फिल्म की सकारात्मक संदेश

शर्मा ने कहा कि ‘द साबरमती रिपोर्ट’ फिल्म समाज में एकता, अखंडता और सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा देने का काम कर रही है। फिल्म दर्शकों को यह सिखाती है कि हम सभी को आपसी भाईचारे के साथ मिलकर रहना चाहिए, ताकि समाज में कोई भी विघटन न हो। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा दिए गए संदेश ‘‘एक रहेंगे, तो सेफ रहेंगे’’ को फिल्म पूरी तरह से आत्मसात करती है और लोगों को इसे अपनाने की प्रेरणा देती है।

फिल्म को टैक्स फ्री करने का निर्णय: अधिक लोगों तक फिल्म की पहुंच

फिल्म के महत्व को देखते हुए कई राज्यों ने इसे दर्शकों के लिए टैक्स फ्री कर दिया है, ताकि अधिक से अधिक लोग इसे देख सकें और इसके संदेश को समझ सकें। श्री शर्मा ने कहा कि यह फिल्म समाज को एक नई दिशा देने के साथ-साथ लोगों को मिलजुलकर रहने के लिए जागरूक करती है। उन्होंने सभी देशवासियों और प्रदेशवासियों से इस प्रेरणादायी और सच्चाई को उजागर करने वाली फिल्म को देखने की अपील भी की।

फिल्म निर्माताओं को धन्यवाद

फिल्म के अंत में,  ए.के. शर्मा ने ‘द साबरमती रिपोर्ट’ के निर्देशक, पटकथा लेखक और कलाकारों को धन्यवाद दिया और कहा कि इस तरह की फिल्म समाज के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने इस फिल्म के निर्माण में शामिल सभी लोगों को सराहा और उनकी मेहनत और समर्पण की तारीफ की।

‘द साबरमती रिपोर्ट’ न केवल एक ऐतिहासिक घटना की सच्चाई को उजागर करती है, बल्कि यह समाज में एकता, भाईचारे और न्याय के प्रति जागरूकता भी फैलाती है। यह फिल्म दर्शकों को प्रेरित करती है कि वे सत्य और न्याय के पक्ष में खड़े रहें और किसी भी गलतफहमी और भ्रांति के खिलाफ आवाज उठाएं। फिल्म की सफलता और इसके संदेश को देखते हुए, यह कहना उचित होगा कि यह फिल्म समाज में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकती है और लोगों को एकजुट करने का कार्य करेगी।