राज्यपाल की अध्यक्षता में सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मेरठ का 17वां दीक्षांत समारोह सम्पन्न

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लखनऊ| प्रदेश की राज्यपाल एवं राज्य विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में आज सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मेरठ का 17वां दीक्षांत समारोह सम्पन्न हुआ। इस समारोह में राज्यपाल जी ने कुल 270 उपाधियां प्रदान की, जिनमें उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को 20 स्वर्ण एवं रजत पदक प्रदान किए गए। राज्यपाल जी ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त कि समारोह में छात्राओं ने 70 प्रतिशत पदक प्राप्त किए हैं, जो उनकी मेहनत और दृढ़ इच्छाशक्ति को दर्शाता है। उन्होंने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों की सराहना करते हुए छात्र-छात्राओं को उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं भी दीं।
दीक्षांत समारोह में विभिन्न विषयों में स्नातक हेतु 254, स्नातकोत्तर 09 एवं पी-एच०डी० में 07 विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान की गयी। शैक्षिक उत्कृष्टत्ता के लिए विभिन्न महाविद्यालयांे के 15 छात्र-छात्राओं को कुलपति स्वर्ण, रजत एवं कांस्य पदकों से सम्मानित किया गया। राज्यपाल जी ने स्कूल प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियांे व श्रेष्ठ आंगनबाड़ी को भी सम्मानित किया। उन्हांेने प्राथमिक विद्यालय के बच्चोें को उपहार एवं हापुड़ जनपद की आंगनबाड़ियों को 200 आंगनबाड़ी किट का वितरण भी किया। समारोह में राज्यपाल जी ने विश्वविद्यालय की विशिष्टता की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि यह विश्वविद्यालय कई कारणों से महत्वपूर्ण है। पहला अंग्रेजों की दास्ता से मुक्ति में प्रथम बिगुल की शुरूआत इसी मेरठ की धरती से हुई थी। दूसरा विश्वविद्यालय का नाम सरदार वल्लभभाई पटेल के नाम से जुड़ा हुआ है, जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और आजादी के बाद देश के एकीकरण में अभूवपूर्व योगदान दिया।
राज्यपाल जी ने भारत को विश्व का सबसे बड़ा कृषि सेक्टर बताते हुए कहा कि भारत की आत्मा गांवों में निवास करती है, जिसका पालन कुशल कृषि पर निर्भर करता है। उन्होंने कहा कि देश में बढ़ती जनसंख्या, घटती भूमि और अन्न की बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए कृषि और विज्ञान के गठजोड़ ने अन्न की आवश्यकता को पूर्ण किया है।
उन्होंने किसानों और गांवों के विकास को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा निर्धारित वर्ष 2047 तक भारत को विकसित और आत्मनिर्भर बनाने के लिए आवश्यक बताते हुए कहा कि इसके लिए केन्द्र और राज्य सरकारों द्वारा कई जनकल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही हैं। इन योजनाओं का लाभ लाभार्थियों तक पहुंचाने के लिए सबको मिलकर प्रयास करना चाहिए।
राज्यपाल जी ने विद्यार्थियों को कृषि, कृषि शिक्षा और अनुसंधान में योगदान देने की प्रेरणा देते हुए विश्वविद्यालयों को निर्देश दिया कि विश्वविद्यालय व्यवहारिक ज्ञान को कक्षाओं से खेतों तक ले जाएं और विद्यार्थियों को कृषि कार्य के व्यवहारिक पहलुओं से अवगत कराएं। राज्यपाल जी ने जैविक खेती और पारंपरिक उत्पादों की महत्ता को भी रेखांकित किया। उन्होंने ‘‘श्री अन्न‘‘ को ब्राण्ड के रूप में विकसित करने की प्रयासों को सराहना की और कहा कि जैविक खेती स्वास्थ्य, मिट्टी और किसानों के लिए भी लाभकारी है। उन्होंने कृषि विश्वविद्यालयों और शोध संस्थानों को उन्नत बीज तैयार करने के लिए एक साझा मंच बनाने का भी निर्देश दिया।
राज्यपाल जी ने विश्वविद्यालय को नैक में बेहतर ग्रेडिंग हेतु प्रयास करने का निर्देश देते हुए विश्वविद्यालय द्वारा 08 पेटेंट दाखिल करने एवं 03 पेटेंट का पंजीकरण होने पर विश्वविद्यालय को बधाई दी। उन्होंने प्रत्येक ब्लॉक में 01 तिलहन गाँव विकसित किए जाने का भी निर्देश दिया। उन्होंने ड्रोन सखी परियोजना को स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के लिए वरदान बताते हुए इसको आय को बढ़ाने का उत्तम जरिया बताया। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा किए गए कार्यों की सराहना करते हुए भविष्य में और बेहतर कार्य करने को कहा ताकि ग्रामीण स्तर पर तकनीकी के समावेश के साथ आय में वृद्धि हो सके।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि श्री सूर्य प्रताप शाही जी मंत्री कृषि, कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान उ०प्र०, मुख्य अतिथि अध्यक्ष कृषि वैज्ञानिक चयन मंडल नई दिल्ली डा0 संजय कुमार एवं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो० के०के0 सिंह ने दीक्षांत समारोह में उपाधि तथा पदक प्राप्त करने वाले सभी छात्र-छात्राओं को बधाई दी एवं उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
समारोह में पूर्व सैनिक पुनर्वास महानिदेशालय, नई दिल्ली के महानिदेशक मेजर जनरल एस०बी०के० सिंह एवं विश्वविद्यालय के कुलपति डा० के०के० सिंह ने एक एम०ओ०यू० पर हस्ताक्षर किए जिसके अन्तर्गत भारतीय सेना के सेवानिवृत्त होने वाले अथवा सेवानिवृत्त कर्मियों को विश्वविद्यालय द्वारा 21 दिवसीय प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। मेजर जनरल एस०बी० के० सिंह ने अवगत कराया कि इस तरह के एम०ओ०यू० करने वाला यह देश का प्रथम कृषि विश्वविद्यालय हैं।
इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी नगर बृजेश सिंह, जनप्रतिनिधिगण, कार्यकारी परिषद सदस्य, अधिकारीगण/कर्मचारीगण, शिक्षकगण, छात्र-छात्राएं, आंगनबाड़ी कार्यकत्री व अन्य महानुभाव उपस्थित रहे।