यूपी में सख्ती बढ़ेगी, अब नशे में गाड़ी चलाते मिले तो वाहन सीज होगा, एफआईआर भी

u_1757984894467_1757984941648

लखनऊ: यूपी में अब नशे में गाड़ी चलाते मिलने पर वाहन सीज कर दिया जाएगा। साथ ही एफआईआर भी दर्ज कराई जाएगी। सख्ती यहीं नहीं रुकेगी, एक बार भी वाहन सीज होने पर उसका ड्राइविंग लाइसेंस भी तीन महीने के लिए निलम्बित कर दिया जाएगा। मोटर वेहिकिल एक्ट के इस नियम को भी सख्ती से लागू करने को कहा गया है, जिसमें तीन महीने में दोबारा वाहन सीज होने पर लाइसेंस निरस्त करने का प्रावधान है।

ओवर स्पीडिंग (तेज रफ्तार) पर भी सख्ती करने के आदेश दिए गए हैं। इसके लिए विभाग के 142 इंटरसेप्टर की मदद ली जाएगी। इनमें नए मिले 70 इंटरसेप्टर भी शामिल हैं। इनके अलावा मोबाइल पर बात करते, उल्टी दिशा में वाहन चलाने वालों के खिलाफ सख्ती करने को कहा गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने परिवहन विभाग के छह सितम्बर के समारोह में ओवर स्पीडिंग व नशे में गाड़ी चलाने वालों के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई करने की बात कही थी। ऐसा सड़क हादसों में होने वाली मौतों का आंकड़ा 50 प्रतिशत तक कम करने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए परिवहन विभाग सख्त तेवर में है। इसके बाद ही परिवहन विभाग ने सड़क हादसे रोकने की मुहिम को और गति दे दी। 142 इंटरसेप्टरों को राष्ट्रीय और प्रदेश राजमार्गों के साथ अन्य मार्गो पर चेकिंग में लगाने की तैयारी कर ली है।

350 संवेदनशील मार्गों पर होगी सख्त चेकिंग
विभाग ने हादसों के आंकड़ों के हिसाब से प्रदेश के सभी 75 जिलों से 350 संवेदनशील मार्ग चुने हैं। इन मार्गों पर ज्यादा हादसे हुए है। आरटीओ (सड़क सुरक्षा) दिनेश कुमार के मुताबिक, एक्सप्रेस वे पर हादसे कम जबकि राष्ट्रीय व प्रदेश हाइवे पर ज्यादा हो रहे हैं। इसमें मौतों की संख्या भी ज्यादा है। टोल प्लाजा पर ब्रेथ एनालाइजर से चेकिंग कराने को कहा गया है। वाहन चालकों के खिलाफ कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट ऑन रोड सेफ्टी (एससीओआरएस) के निर्देशों के मुताबिक की जाएगी। इसमें पूरा ब्योरा है कि कब लाइसेंस निरस्त होगा, किन परिस्थितियों में वाहन सीज होगा।

कैमरे में होगी रिकॉर्ड होगी पूरी कार्रवाई
अपर परिवहन आयुक्त प्रवर्तन संजय सिंह का कहना है कि इंटरसेप्टर से सड़क सुरक्षा को और मजबूत किया जा रहा है। पूरी कार्रवाई कैमरे की निगरानी में होगी। इससे नागरिक पक्षपात करने का आरोप नहीं लगा सकेंगे। परिवहन आयुक्त ब्रजेश नारायण सिंह ने कहा कि सड़क हादसे कम करने के लिए ओवर स्पीडिंग और नशे में गाड़ी चलाने वालों पर सख्त कार्रवाई जरूरी है। इसमें ट्रैफिक पुलिस, नगर निगम, पीडबल्यूडी का भी सहयोग लिया जा रहा है।

अभी तक ये ढिलाई हो रही थी
वर्तमान में नशे में गाड़ी चलाने पर कई बार पुलिस व परिवहन विभाग सिर्फ चालान कर देता था। अगर पीड़ित ज्यादा नशे में मिलता तो उसे कुछ देर सम्बन्धित थाने अथवा लाइन में रोक लिया जाता था। नशा उतरने पर छोड़ दिया जाता था। कई बार वाहन नहीं सीज किया जाता था। अब इस बात के सख्त निर्देश दिए गए है कि नशे में गाड़ी चलाते मिलने पर वाहन जरूर सीज किया जाएगा। अगर वह ज्यादा नशे में अथवा कार्रवाई का विरोध करता है तो उसके खिलाफ एफआईआर भी कराई जाएगी। मौके पर जुर्माना न लेकर उसके मामले को कोर्ट में भेज दिया जाएगा जहां वाहन मालिक को जुर्माना राशि भरनी पड़ेगी।