तेल व्यापार पर भारत के फैसले का पुतिन ने किया समर्थन, कहा- मोदी राष्ट्रहित में सोचने वाले नेता

President Putin Attends Valdai Discussion Club

SOCHI, RUSSIA - OCTOBER 2: (RUSSIA OUT) Russian President Vladimir Putin speaks during an annual plenary session of the Valdai Discussion Club, on October 2, 2025 in Sochi, Russia. The Valdai Discussion Club is a Moscow-based think thank bringing together Russian and Foreign pro-Kremlin political scientists and thinkers each year. It is named after Lake Vladai where the first conference was held in 2004. (Photo by Contributor/Getty Images)

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत के तेल व्यापार जारी रखने के फैसले का जोरदार समर्थन किया है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना करते हुए उन्हें “संतुलित और समझदार नेता” बताया और अमेरिका पर निशाना साधा, जिसने भारत पर रूस से तेल आयात रोकने का दबाव बनाया था।

सोची में वलदाई डिस्कशन क्लब को संबोधित करते हुए पुतिन ने कहा कि भारत द्वारा रूसी कच्चा तेल खरीदने का निर्णय राजनीतिक नहीं, बल्कि पूरी तरह आर्थिक है।

पुतिन ने कहा, “यहाँ कोई राजनीतिक पहलू नहीं है… अगर भारत हमारी ऊर्जा आपूर्ति से इनकार करता है तो उसे 9-10 अरब डॉलर तक का नुकसान हो सकता है। और अगर वह इनकार नहीं करता तो उस पर प्रतिबंध लगाए जाएंगे और नुकसान उतना ही होगा। तो फिर क्यों इनकार करे, जब घरेलू राजनीतिक नुकसान भी झेलना पड़ेगा?”

उन्होंने आगे कहा कि भारत किसी भी बाहरी दबाव के आगे झुकने वाला देश नहीं है। पुतिन बोले, “भारत जैसे देश के लोग अपने नेतृत्व के फैसलों पर पैनी नजर रखते हैं और कभी भी किसी तरह का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे। और मैं प्रधानमंत्री मोदी को जानता हूं, वह खुद भी कभी ऐसा कदम नहीं उठाएंगे।”

ये बयान उस वक्त आए हैं जब कुछ दिन पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में भाषण देते हुए भारत और चीन पर आरोप लगाया था कि वे रूस से तेल खरीदकर यूक्रेन युद्ध को आर्थिक मदद दे रहे हैं। इसके जवाब में अमेरिका ने अगस्त में भारतीय वस्तुओं पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत शुल्क लगा दिया, जिससे कुल आयात शुल्क 50 प्रतिशत तक बढ़ गया।

पुतिन ने भारत-रूस के लंबे कूटनीतिक रिश्तों को भी रेखांकित किया और कहा कि ये संबंध भारत की आज़ादी के दौर से चले आ रहे हैं। उन्होंने कहा, “भारत में लोग इसे याद रखते हैं, जानते हैं और महत्व देते हैं। हमारे और भारत के बीच कभी कोई समस्या या तनाव नहीं रहा है।”

प्रधानमंत्री मोदी को “मित्र” बताते हुए पुतिन ने कहा कि उनके साथ संबंध सहज और भरोसेमंद हैं। उन्होंने मोदी को “संतुलित, समझदार और राष्ट्रहित में सोचने वाले नेता” की संज्ञा दी।

भारत-रूस व्यापार असंतुलन का ज़िक्र करते हुए पुतिन ने माना कि भारत से आयात में विविधता लाने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा, “भारत से अधिक कृषि उत्पाद खरीदे जा सकते हैं। दवाओं और फार्मास्यूटिकल्स के क्षेत्र में भी कदम उठाए जा सकते हैं। वित्त, लॉजिस्टिक्स और भुगतान जैसी चुनौतियों को सुलझाने की ज़रूरत है।”

पुतिन ने यह भी याद दिलाया कि भारत और रूस की विशेष रणनीतिक साझेदारी जल्द ही अपनी 15वीं वर्षगांठ मनाने जा रही है और दोनों देशों के बीच घनिष्ठ सहयोग की अहमियत और बढ़ेगी।