गांव-गांव में बहू सम्मेलन कराएगी पुलिस, आंगनबाड़ी और आशा भी साथ; जानें मकसद

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लखनऊ: दहेज हत्या की रोकथाम के लिए पुलिस अब गांव-गांव में बहू सम्मेलन कराएगी। आंगनबाड़ी कार्यकर्त्री और आशा बहुओं के साथ मिलकर पुलिस की टीम गांव के सभी बहुओं को इकट्ठा कर उनकी समस्याएं सुनेगी और उनकी तरफ से कोई भी शिकायत सामने आती है तो उसका सामाजिक और कानूनी दोनों पहलुओं से हल कराएगी। शुरुआती दौर में ऐसे गांव का चयन किया जाएगा जहां दहेज हत्या की घटनाएं पूर्व में हो चुकी हैं। किन हालातों में दहेज हत्या की घटनाएं हो रही हैं इस पर भी अध्ययन करेगी।

दरअसल, समाज में बदलाव और सरकारी स्तर पर प्रयास के बावजूद दहेज हत्या की घटनाएं कम नहीं हो रही हैं। थानों पर लगातार महिला उत्पीड़न की शिकायतें पहुंच रही हैं। कई ऐसी घटनाएं हो रही हैं जिसमें बहू की मौत के बाद मायके वालों के आरोप पर पुलिस को जानकारी हो पा रही है। आंकड़ों की बात करें तो इस साल तक के गोरखपुर जोन में अभी तक 194 दहेज हत्या की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। यह आंकड़ा पिछले तीन साल की तुलना में कम है। उसके बाद भी बड़ी संख्या में महिलाएं दहेज की बलि चढ़ रही हैं।

एडीजी जोन मुथा अशोक जैन ने इस सामाजिक बुराई पर लगाम लगाने के लिए बहू सम्मेलन की पहल की है। उन्होंने एक खाका तैयार किया है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्त्री और आशा बहुओं के साथ मिलकर पुलिस गांव में बहू सम्मेलन कराए। सम्मलेन में महिलाओं से उनके ऊपर हो रहे जुल्म के बारे में पुलिस जानकारी जुटाएगी।

दहेज हत्या वाले गांव से शुरू होगा सम्मेलन
जिस गांव में पूर्व के पांच साल के बीच दहेज हत्या का कोई प्रकरण सामने आया है, उस गांव को प्राथमिकता के तौर पर शामिल कर थाने की पुलिस यहीं से सम्मेलन की शुरुआत करेगी। इसके लिए पांच साल के आंकड़ों का अध्ययन किया जा रहा है। यही नहीं, बहुओं की उम्र सीमा भी तय की गई है। 35 साल की हर घर की बहू को सम्मेलन में इकट्ठा कराया जाएगा।

गोरखपुर जोन में दहेज हत्या
वर्ष दहेज हत्या
2025 194

2024 286

2022 277

2023 273