यूपी के इन जिलों में आज से शुरू होगी धान की खरीद, सरकार ने बढ़ा दिया है रेट; जानें डिटेल
Dhan Kharid in Uttar Pradesh: खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के तहत पहली नवंबर से पूर्वी उत्तर प्रदेश में धान खरीद शुरू होगी और 28 फरवरी 2026 तक चलेगी। इस अवधि में लखनऊ संभाग के उन्नाव, रायबरेली और लखनऊ में भी धान खरीद होगी। वहीं पहली अक्तूबर से पश्चिमी उत्तर प्रदेश और लखनऊ संभाग के हरदोई, लखीमपुर खीरी, सीतापुर जनपद में धान खरीद चल रही है।
सरकार ने इस वर्ष धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि भी की है। धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (कॉमन)-2369 और (ग्रेड ए) का 2389 रुपये प्रति कुंतल तय किया गया है। योगी सरकार की नीतियों पर समर्थन जताते हुए दो महीने में 2.17 लाख से अधिक किसानों ने बिक्री के लिए पंजीकरण भी करा लिया है।
इन जिलों में पहली नवंबर से शुरू होगी खरीद
पूर्वी उत्तर प्रदेश के संभागों में पहली नवम्बर से धान खरीद शुरू होगी। यह खरीद पूर्वी उत्तर प्रदेश के चित्रकूट, कानपुर, अयोध्या, गोरखपुर, देवीपाटन, बस्ती, आजमगढ़, वाराणसी, मीरजापुर व प्रयागराज संभाग में होगी। इसके साथ ही लखनऊ संभाग के लखनऊ, रायबरेली व उन्नाव में भी पहली नवंबर से खरीद होगी, जो 28 फरवरी 2026 तक चलेगी।
बेमौसम बारिश ने किसानों की कमर तोड़ी
गोरखपुर में मंगलवार से ही तेज हवा के साथ हो रही बारिश ने ठंड में बढोतरी के साथ किसानों की कमर तोड़ दी है। धान की खड़ी फसल खेतों में गिर गई है। वहीं जिन किसानों ने धान की फसल काट कर खेत में सूखने के छोड़ रखा था, वह भी खेतों में ही पड़ी है। उधर, , आलू और गेहूं की बुआई पर संकट खड़ा हो गया है। मंगलवार से शुक्रवार तक जिले में 30 मिमी बारिश रिकार्ड की गई है।

गोरखपुर में 01.65 लाख हेक्टेयर में धान की फसल बोई गई है। बमुश्किल 15 फीसदी करीब धान की फसल की कटाई हुई है। इनमें भी दो फीसदी के करीब फसल काट कर खेत में ही मड़ाई के लिए पड़ी है। सहजनवा के किसान सुरेंद्र सिंह, पाली के रमेश यादव, ब्रह्मपुर के बीपी तिवारी की चिंता है कि मौसम जल्द नहीं खुला तो धान की फसल के दाने खेत में ही झड़ जाएंगे। कृषि विज्ञान केंद्र बेलीपार के वरिष्ठ वैज्ञानिक उद्यान डॉ. सत्य प्रकाश सिंह कहते हैं कि धान की जो फसल खेत में गिर गई है, मिट्टी के संपर्क में आई तो उनके दाने में जमाव हो जाएगा।
चावल के दाने भी दागदार हो जाएंगे। जिन किसानों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में अपनी बीमा करा रखा है, क्षतिपूर्ति के लिए 72 घंटे की निर्धारित समय सीमा के भीतर जिला कृषि अधिकारी या कंपनी के प्रतिनिधि के यहां शिकायत दर्ज करा देनी चाहिए।

