LPG सिलेंडर हुआ सस्ता, बिहार चुनाव के बीच दिल्ली से पटना तक दाम हुए कम

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LPG Price 1 November 2025: आज 1 नवंबर को कॉमर्शियल एलपीजी (लिक्विफाइड पेट्रोलियम गैस) सिलेंडर और घरेलू सिलेंडर के रेट अपडेट हुए हैं। बिहार चुनाव की सरगर्मी के बीच कॉमर्शियल सिलेंडर के उपभोक्ताओं को राहत मिली है। जबकि, घरेलू एलपीजी सिलेंडर के दाम में कोई बदलाव नहीं हुआ है। आज दिल्ली से पटना तक नीले सिलेंडर के दाम में महज 5 रुपये की कटौती की गई है। पिछले एक साल में कॉमर्शियल एलपीजी सिलेंडर के दाम 200 रुपये से अधिक घटे हैं। 1 नवंबर 2024 को यह दिल्ली में 1802 रुपये का था। अब 1590.50 रुपये का है। वहीं, घरेलू एलपीजी सिलेंडर इस अवधि में 50 रुपये महंगा हुआ है।

दिल्ली में 19 किलो वाला एलपीजी सिलेंडर आज से 1590.50 रुपये मिलेगा। पहले यह 1595.50 रुपये का था। कोलकाता में अब 1700.50 रुपये की जगह 1694 में मिलेगा। यहां 6.50 रुपये की राहत मिली है। मुंबई में 1542 रुपये मिलेगा, पहले 1547 रुपये का था। चेन्नई में अब आज से कॉमर्शियल सिलेंडर 1750 रुपये में मिलेगा। पहले यह 1754.50 रुपये का था।

घरेलू एलपीजी सिलेंडर के क्या हैं आज के रेट
भारत में इंडियन ऑयल के डेटा के आधार पर एलपीजी (लिक्विफाइड पेट्रोलियम गैस) की कीमतों की बात करें तो आज14.2 किग्रा वाला घरेलू सिलेंडर दिल्ली में ₹853, मुंबई में ₹852.50 और लखनऊ में ₹890.50 में मिल रहा है। वहीं, कारगिल में ₹985.5, पुलवामा में ₹969, बागेश्वर में ₹890.5 का है। जबकि, पटना में इसकी कीमत ₹951 है।

एलपीजी सिलेंडर कहीं ₹900 से कम तो कहीं ₹900 से पार, क्यों होता हैं रेट में अंतर
भारत में अलग-अलग शहरों में LPG सिलेंडर के रेट अलग हैं। घरेलू एलपीजी सिलेंडर कहीं 900 रुपये के पार है तो कहीं इससे कम है। दिल्ली और पटना के रेट में करीब 100 रुपये का अंतर है। कारगिल में 985.5 रुपये में एक घरेलू सिलेंडर मिलता है तो चेन्नई में 868.50 रुपये है। आइए समझें एलपीजी सिलेंडर के दाम शहर दर शहर क्यों होते हैं, अलग-अलग…

अलग-अलग रेट होने के मुख्य कारण
राज्य और स्थानीय टैक्स: हर राज्य में वैट (Value Added Tax) की दर अलग होती है। कुछ राज्य LPG पर अतिरिक्त उपकर या कर लगाते हैं, जिस वजह से कीमतों में अन्तर आ जाता है।

ट्रांसपोर्टेशन लागत: रिफाइनरी या डिपो से शहरों या दूर-दराज के इलाकों तक गैस पहुंचाने में लागत अलग होती है। पहाड़ी, दूरस्थ या ग्रामीण जगहों पर परिवहन खर्च बढ़ जाता है, जिससे वहां कीमतें ज्यादा होती हैं।

प्रशासनिक एवं वितरण खर्च: डीलर्स मार्जिन, शहरी/ग्रामीण वितरण लागत, और स्थानीय नियम भी कीमतों में अंतर लाते हैं।

डिमांड-सप्लाई व स्ट्रक्चर: बड़े और घनी आबादी वाले शहरों में सप्लाई नेटवर्क अच्छा होता है, जिससे परिवहन खर्च थोड़ा कम रहता है। छोटे कस्बों या कठिन भौगोलिक स्थिति वाले क्षेत्रों में लागत अधिक होती है।

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