जिनपिंग को पता है इसका नतीजा; ताइवान पर चीन के हमले को लेकर डोनाल्ड ट्रंप
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ताइवान पर चीनी हमले के खतरे को लेकर अपनी राय रखी है। उन्होंने कहा कि चीन अगर ताइवान पर हमला करता है, तो राष्ट्रपति शी जिनपिंग इसके परिणाम बेहतर तरीके से जानते हैं। हालांकि, ट्रंप ने इस बात की पुष्टि करने से इनकार कर दिया कि क्या ताइवान की सुरक्षा के लिए अमेरिका सैन्य हस्तक्षेप करेगा या नहीं। सीबीएस को दिए एक इंटरव्यू में ट्रंप ने छह सालों बाद चीनी राष्ट्रपति के साथ दक्षिण कोरिया में हुई द्विपक्षीय बैठक का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, “शी चिनफिंग के साथ बातचीत में ताइवान का विवादास्पद मुद्दा नहीं उठा। यह बैठक मुख्यतः अमेरिका-चीन व्यापार तनाव पर केंद्रित थी। ट्रंप ने यह विश्वास भी जताया कि उनके कार्यकाल के दौरान चीन ताइवान पर कोई कार्रवाई नहीं करेगा।
ट्रंप से जब पूछा गया कि चीन के ताइवान के ऊपर हमला करने की स्थिति में वह अमेरिकी सेना को वहां रक्षा के लिए भेजेंगे? इसका जवाब देते हुए ट्रंप ने कहा, “अगर ऐसा होता है, तो आपको पता चल जाएगा, और वह (शी जिनपिंग) इसका उत्तर जानते हैं।” जब इस बारे में ज्यादा पूछा गया तो ट्रंप ने सीधे तौर पर इसका जवाब देने से इनकार करते हुए कहा कि वह अपने राज किसी को नहीं बता सकतें, लेकिन हां, दूसरा पक्ष यानि की चीन इसे जानता है। ट्रंप ने दावा किया कि शी जिनपिंग और उनके करीबी लोगों ने खुले तौर पर इस बात को कहा था कि जब तक वे (ट्रंप) अमेरिका के राष्ट्रपति हैं, तब तक ताइवान के ऊपर कोई कार्रवाई नहीं होगी, क्योंकि वह इसका परिणाम जानते हैं।
गौरतलब है कि ताइवान को लेकर चीन और अमेरिका की खींचतान नई नहीं है। चीन, ताइवान को अपना अभिन्न हिस्सा मानता है और उस पर कब्जा करने के लिए बल प्रयोग करने की भी मंशा रखता है। दूसरी, तरफ संयुक्त राज्य अमेरिका ताइवान की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है। हालांकि, चीन की वन चाइना पॉलिसी के तहत अमेरिका केवल बीजिंग को मान्यता देता है लेकिन इसके विपरीत वह ताइवान को भी रक्षात्मक हथियारों की आपूर्ति करता रहता है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दक्षिण कोरिया में हुई बैठक के दौरान ट्रम्प और शी ने मुख्य रूप से व्यापार पर ध्यान केंद्रित किया और वैश्विक बाजारों में उथल-पुथल मचाने वाले तनाव को कम करने पर सहमति व्यक्त की। इसके फलस्वरूप वाशिंगटन की तरफ से कुछ टैरिफ वापस लेने की उम्मीद भी जागी है, जबकि बीजिंग ने टेक्नोलॉजी और रक्षा उद्योगों के लिए महत्वपूर्ण रेयर अर्थ मेटल की आपूर्ति को बनाए रखने का वादा किया है। ट्रंप ने शी के साथ अपनी बैठक को ‘बहुत सफल’ बताया और इसके साथ ही चीनी राष्ट्रपति की तारीफ भी की।

