झालावाड़ स्कूल हादसा: 7 बच्चों की मौत के बाद एक्शन, 5 टीचर सस्पेंड; 34 बच्चे हैं घायल

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राजस्थान के झालावाड़ जिले के मनोहर थाना के पास पीपलोदी गांव के सरकारी स्कूल की छत गिरने से करीब 34 बच्चे घायल हो गए. हादसे में 7 बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई. सूचना पर जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक मौके पर पहुंचे. घायल बच्चों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है. तीन बच्चों के शवों को जिला अस्पताल की मोर्चरी में रखावाया गया है. चार बच्चों के शवों को मनोहर थाना के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की मॉर्चरी में रखा गया है. स्कूल की छत गिरने के बाद शिक्षा विभाग ने प्रारंभिक लापरवाही मानते हुए स्कूल के 5 टीचर्स को सस्पेंड कर दिया है.

घायल बच्चों और मृत बच्चों के परिजनों ने जानकारी देते हुए बताया कि स्कूल काफी पुराना हो चुका था. उनका कहना है कि स्कूल करीब 50 साल पुराना है. कुछ अभिभावकों का कहना है कि वह खुद भी इसी स्कूल में पढ़े हैं. उसके बाद उनके बच्चे भी इसी स्कूल में पढ़ रहे हैं. उनका कहना है कि प्रशासन को स्कूल के पुराने होने की कई बार शिकायत की जा चुकी थी. इतनी शिकायतों के बाद भी जिला प्रशासन ने इस ओर बिलकुल भी ध्यान नहीं दिया.

ग्रामीणों ने बताया कि स्कूल के अंदर दो हाल, दो रूम और एक बरामदा है. स्कूल में कुछ साल पहले ही एक नया हाल भी बनवाया गया था. उन्होंने बताया कि जिस वक्त स्कूल की छत गिरी उस वक्त करीब 50 बच्चे स्कूल में पढ़ने आए थे. सभी बच्चे प्रार्थना सभा स्थल के पास हाल में बैठे थे. इसी दौरान हाल की छत भरभराकर गिर गई. जिसमें सभी बच्चे नीचे दब गए. दर्दनाक हादसे के बाद अफरा-तफरी मच गई.

जेसीबी की मदद से हटाया मलबा
पूरे गांव में जब हादसे की खबर लगी तो हड़कंप मच गया. ग्रामीण स्कूल की ओर दौड़ पड़े और पुलिस प्रशासन को मौके पर बुलाया. जेसीबी मशीन की सहायता से मलवा हटाकर सभी बच्चों को बाहर निकाला गया. इसमें चार बच्चों की मनोहर थाना अस्पताल में मौत हो गई.

11 बच्चों की हालत गंभीर
तीन बच्चों को झालावाड़ के जिला अस्पताल ले गए. जहां डॉक्टर ने बच्चों को मृत घोषित कर दिया. तीनों के शवों को अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया है. झालावाड़ जिला कलेक्टर अजय सिंह राठौड़ ने बताया कि घटना में सात बच्चों की मौत हुई है. हादसे में 34 बच्चे गंभीर रूप से घायल हुए हैं. इनमें से 9 बच्चों का मनोहर थाना के अस्पताल में इलाज किया जा रहा है जबकि 11 बच्चों की स्थिति को देखते हुए उन्हें झालावाड़ जिला अस्पताल रेफर किया गया है. सभी बच्चों को फिलहाल इलाज चल रहा है.