गाजा में तुर्की सेना की तैनाती मंजूरी नहीं, इजरायल ने अमेरिका को दिया साफ संदेश

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इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रविवार को स्पष्ट किया कि गाजा में अंतरराष्ट्रीय शांति बल में किन-किन देशों की सेनाएं शामिल होंगी, यह निर्णय पूरी तरह इजरायल ही लेगा। यह प्रस्ताव अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की शांति योजना का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य संघर्ष को स्थायी रूप से समाप्त करना है। हालांकि, नेतन्याहू ने जोर देकर कहा कि किसी भी विदेशी सैनिकों की तैनाती केवल इजरायल की मंजूरी के बाद ही संभव होगी। इसके बाद सोमवार को इजरायल के विदेश मंत्री गिदोन सार ने घोषणा की कि अमेरिकी योजना के तहत फिलिस्तीनी क्षेत्र में युद्ध को हमेशा के लिए रोकने के प्रयास में गाजा में तुर्की की सशस्त्र सेनाओं की मौजूदगी को इजरायल कतई स्वीकार नहीं करेगा।

रविवार को नेतन्याहू ने अपने मंत्रिमंडल की बैठक में कहा था कि इजरायल अपनी सुरक्षा व्यवस्था खुद निर्धारित करता है। अंतरराष्ट्रीय बलों में कौन-सी सेनाएं हमारे लिए अस्वीकार्य होंगी, इसका फैसला हम ही लेंगे, और यही हमारी दृढ़ नीति बनी रहेगी। उन्होंने यह भी बताया कि इस नीति को अमेरिका का पूर्ण समर्थन प्राप्त है। नेतन्याहू ने जोर दिया कि इजरायल एक स्वतंत्र राष्ट्र है और अमेरिका हमारी सुरक्षा नीति को निर्देशित नहीं करता। अमेरिकी प्रशासन मेरा या हमारी सुरक्षा रणनीति का नियंत्रण नहीं रखता। उन्होंने कहा कि अमेरिका और इजरायल साझेदार हैं, लेकिन हम अपने राष्ट्रीय हितों के अनुरूप ही निर्णय लेंगे।

दरअसल, ट्रंप की शांति योजना में गाजा में एक अंतरराष्ट्रीय बल की तैनाती का प्रावधान है, जो इस महीने शुरू हुए नाजुक युद्धविराम को मजबूत करने में सहायक होगा। इससे इजरायल और फिलिस्तीनी उग्रवादी संगठन हमास के बीच दो वर्षों से चला आ रहा युद्ध स्थायी रूप से थम जाएगा। लेकिन अभी तक यह तय नहीं हो पाया है कि अरब देशों और अन्य राष्ट्र अपनी सेनाओं को इस अंतरराष्ट्रीय बल में भेजने के लिए तैयार होंगे या नहीं।

बुडापेस्ट में सार ने कहा कि जो देश अपनी सशस्त्र सेनाएं भेजना चाहते हैं, उन्हें कम से कम इजरायल के प्रति निष्पक्ष रवैया अपनाना चाहिए। हंगरी के अपने समकक्ष पीटर सिज्जार्टो के साथ बातचीत के दौरान सार ने कहा कि एर्दोगन के नेतृत्व वाली तुर्की ने इजरायल के खिलाफ शत्रुतापूर्ण रुख अपनाया है। इसलिए, उनके सैनिकों को गाजा पट्टी में प्रवेश करने की अनुमति देना हमारे लिए उचित नहीं होगा। हम इस पर सहमति नहीं देंगे और हमने अपने अमेरिकी सहयोगियों को इसकी जानकारी दे दी है।

हालांकि, ट्रंप प्रशासन ने गाजा में अमेरिकी सैनिक भेजने से साफ इनकार कर दिया है, लेकिन वह बहुराष्ट्रीय बल में योगदान के लिए इंडोनेशिया, संयुक्त अरब अमीरात, मिस्र, कतर, तुर्की और अजरबैजान जैसे देशों से चर्चा कर रहा है।