देश के ग्रामीण क्षेत्रों में होमस्टे के लिए मुद्रा ऋण के रूप में बिना किसी गारंटी के संस्थागत ऋण : केंद्र
भारत सरकार ने 2025-26 के बजट घोषणापत्र में होमस्टे के लिए मुद्रा ऋण के रूप में बिना किसी गारंटी के संस्थागत ऋण की घोषणा की है, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों सहित पूरे देश में होमस्टे की स्थापना में सहायता और प्रोत्साहन दिया जा सके।
केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने गुरुवार को राज्यसभा में लिखित प्रश्न के उत्तर में यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि पर्यटन मंत्रालय ने प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान (पीएमजेयूजीए) के अंतर्गत ‘आदिवासी क्षेत्रों में होमस्टे का विकास’ (स्वदेश दर्शन की एक उप-योजना) के लिए दिशानिर्देश तैयार किए हैं। इस योजना का उद्देश्य आदिवासी क्षेत्रों में होमस्टे विकसित करना है ताकि जिम्मेदार पर्यटन को बढ़ावा दिया जा सके, आदिवासी समुदायों के लिए आजीविका के अवसर बढ़ाए जा सकें और हितधारकों को आदिवासी गांवों में टिकाऊ पर्यटन प्रणालियों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।

इस योजना के तहत ग्राम समुदाय की आवश्यकताओं के लिए 5 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता, प्रत्येक परिवार के लिए दो नए कमरों के निर्माण में मदद हेतु 5 लाख रुपये तक की सहायता और प्रत्येक परिवार के मौजूदा कमरों के नवीनीकरण के लिए 3 लाख रुपये तक की सहायता प्रदान की जाएगी।
आपको बता दें, पर्यटन मंत्रालय आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन सहित देश के विविध पर्यटन उत्पादों को समग्र रूप से बढ़ावा देता है। यह प्रचार यात्रा कार्यक्रमों और प्रदर्शनियों के आयोजन और उनमें भागीदारी के माध्यम से, राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश सरकारों को मेलों और उत्सवों के आयोजन में सहायता प्रदान करके, आतिथ्य कार्यक्रम के तहत प्रभावशाली व्यक्तियों, पर्यटन संचालकों, पत्रकारों और विचारकों को देश का दौरा करने के लिए आमंत्रित करके, राज्य सरकारों और विदेशों में स्थित भारतीय दूतावासों के सहयोग से वेबसाइट और सोशल मीडिया प्रचार के माध्यम से प्रचार के विभिन्न क्रियाकलापों द्वारा किया जाता है।

