स्टैनफोर्ड की ग्लोबल सूची में भारतीय डॉक्टरों की चमक: पीयूष गोयल

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केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की ‘दुनिया के शीर्ष 2 प्रतिशत वैज्ञानिकों की 2025 सूची’ में बड़ी संख्या में भारतीय डॉक्टरों का शामिल होना देश के लिए गर्व का क्षण है।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर गोयल ने लिखा, “भारतीय डॉक्टरों के लिए यह एक गर्व का पल है। यह उपलब्धि भारत की चिकित्सा अनुसंधान के क्षेत्र में बढ़ती विशेषज्ञता को दर्शाती है।”

हाल ही में जारी इस सूची में देश के शीर्ष संस्थानों से 6,000 से अधिक शिक्षकों का नाम शामिल है, जिनमें 14 आर्थोपेडिशियन (हड्डी रोग विशेषज्ञ) और 41 पीडियाट्रिशियन (बाल रोग विशेषज्ञ) हैं।

गोयल ने कहा कि इन वैज्ञानिकों को “उनके नवोन्मेषी अनुसंधान, क्लिनिकल उपलब्धियों और चिकित्सा क्षेत्र में परिवर्तनकारी योगदान” के लिए मान्यता दी गई है।

उन्होंने यह भी कहा कि “यह उपलब्धि भारत के वैज्ञानिक समुदाय की नवाचार और वैश्विक उत्कृष्टता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रमाण है।”

गोयल ने प्रसिद्ध आर्थोपेडिशियन और अपने मित्र डॉ. अरुण मुल्लाजी का भी विशेष उल्लेख किया।

रिपोर्ट के अनुसार, एक वर्ष की श्रेणी (single-year category) में 6,239 भारतीय शिक्षकों को स्थान मिला है, जबकि करियर-लॉन्ग श्रेणी में 2024 में 3,372 भारतीय शामिल किए गए।

इस वैश्विक सूची में आईआईटी (IIT) के 755 शोधकर्ता, एनआईटी (NIT) के 330 से अधिक, और आईआईएससी (IISc) बेंगलुरु के 117 शोधकर्ता शामिल हैं। वहीं, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के 80 शोधकर्ता भी सूची में जगह बनाने में सफल रहे, जिनमें से 56 अकेले एम्स दिल्ली से हैं।

स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की यह सूची वैज्ञानिकों के उद्धरणों (citations), h-index, सहलेखन (co-authorship) और अन्य सूचकों के आधार पर तैयार की जाती है। चयन उन वैज्ञानिकों का किया जाता है जो अपने क्षेत्र में शीर्ष 2 प्रतिशत या उससे ऊपर की रैंकिंग में आते हैं।

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