भारत ने यूके के साथ व्यापार वार्ता में मजबूत आईपीआर व्यवस्था की प्रतिबद्धता दोहराई

INDIA-UK

वाणिज्य मंत्रालय ने बुधवार, 24 सितंबर 2025 को कहा कि भारत ने यूके के साथ व्यापार वार्ता में मजबूत और प्रगतिशील इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स (आईपीआर) व्यवस्था के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है। इस संदर्भ में डीपीआईआईटी, वाणिज्य विभाग और सीटीआईएल के सहयोग से ‘इंडिया-यूके सीईटीए में आईपीआर अध्याय को समझना’ विषय पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया।

इनोवेशन और पहुंच का संतुलन

सेमिनार में नीति-निर्माताओं, विशेषज्ञों, शिक्षाविदों और उद्योग प्रतिनिधियों ने व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौते (सीईटीए) के आईपीआर प्रावधानों से संबंधित अवसरों और चिंताओं पर चर्चा की। विशेषज्ञों ने बताया कि यह अध्याय नवाचार (इनोवेशन) को बढ़ावा देने और पहुंच सुनिश्चित करने के बीच संतुलन बनाता है, साथ ही भारत की नीतिगत स्वतंत्रता को प्रभावित नहीं करता।

जन स्वास्थ्य और विकास प्राथमिकताएं सुरक्षित

मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि आईपीआर अध्याय भारत के मौजूदा कानूनी ढांचे को दर्शाता है और विकास प्राथमिकताओं के अनुरूप नियम बनाने की क्षमता को मजबूत करता है। यह जन स्वास्थ्य के लिए सुरक्षा उपायों को भी बढ़ाता है, जबकि स्वैच्छिक लाइसेंसिंग पसंदीदा रहेगी और दोहा घोषणा के तहत अनिवार्य लाइसेंसिंग सुरक्षित रहेगी।

जीआई और स्टार्टअप को बढ़ावा

जियोग्राफिकल इंडिकेशन्स (जीआई) को यूके में मजबूत संरक्षण मिलेगा, जो भारतीय निर्यात और सांस्कृतिक ब्रांडिंग को बढ़ाएगा। उद्योग प्रतिनिधियों ने कहा कि इससे स्टार्टअप, एमएसएमई और पारंपरिक उत्पादकों को लाभ होगा। पेटेंट प्रक्रियाओं के एकीकरण को प्रक्रियात्मक सुधार बताया गया, जो नियामक स्वतंत्रता को प्रभावित नहीं करते।

भविष्य का मॉडल

मंत्रालय के अनुसार, यह अध्याय नियामक कठोरता और लचीलेपन को जोड़ते हुए नवाचार और पहुंच की रक्षा करता है, जिससे भारत वैश्विक व्यापार परिदृश्य में मजबूत स्थिति बनाएगा।