भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच FTA वार्ता के चौथे दौर की शुरुआत

2025031676f-1507x1536

भारत और न्यूज़ीलैंड ने सोमवार को ऑकलैंड में मुक्त व्यापार समझौते (FTA) के चौथे दौर की बातचीत शुरू की। यह वार्ता 3 से 7 नवंबर तक चलेगी और दोनों देशों के बीच एक संतुलित, व्यापक और आपसी लाभ देने वाली साझेदारी को आगे बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। वाणिज्य मंत्रालय के बयान के अनुसार, इस दौर की बातचीत में मुख्य रूप से वस्तुओं का व्यापार, सेवाओं का व्यापार और ‘रूल्स ऑफ ओरिजिन’ यानी उत्पादों की उत्पत्ति तय करने वाले नियमों पर चर्चा हो रही है।

दोनों देश अब तक हुई प्रगति के आधार पर शेष मुद्दों को हल करने और जल्द से जल्द समझौते को अंतिम रूप देने की कोशिश कर रहे हैं। यह बातचीत दोनों देशों की आर्थिक साझेदारी को गहरा करने की उस प्रतिबद्धता पर आधारित है, जिसका ज़िक्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मार्च 2025 में न्यूज़ीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन की भारत यात्रा के दौरान किया था।

इस FTA की औपचारिक शुरुआत 16 मार्च को हुई थी, जब वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और न्यूज़ीलैंड के व्यापार एवं निवेश मंत्री टॉड मैकक्ले ने मुलाकात की थी। दोनों देशों ने एक ऐसा व्यापार ढांचा बनाने की प्रतिबद्धता दोहराई है जो भविष्य की जरूरतों के अनुरूप हो, समावेशी हो, और दोनों अर्थव्यवस्थाओं की साझा समृद्धि और टिकाऊ विकास को समर्थन दे।

इससे पहले सितंबर में तीसरे दौर की बातचीत न्यूजीलैंड के क्वीनस्टाउन में 15 से 19 सितंबर तक हुई थी, जो सफलतापूर्वक संपन्न हुई थी। उस दौरान कई अध्यायों पर सहमति बनी थी और अन्य क्षेत्रों में भी महत्वपूर्ण प्रगति दर्ज की गई थी।

वित्त वर्ष 2024–25 में भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच द्विपक्षीय वस्तु व्यापार 1.3 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 49 प्रतिशत अधिक है। माना जा रहा है कि प्रस्तावित FTA लागू होने के बाद व्यापार में और बढ़ोतरी होगी, निवेश के नए अवसर पैदा होंगे, सप्लाई चेन मजबूत होगी और कारोबार के लिए एक स्थिर और भरोसेमंद ढांचा तैयार होगा।

एक नज़र