भारत-EFTA के बीच पहला फ्री ट्रेड एग्रीमेंट लागू, 15 साल में 100 अरब डॉलर निवेश का अनुमान

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नई दिल्ली: भारत और यूरोप के चार प्रमुख देशों—स्विट्जरलैंड, नॉर्वे, आइसलैंड और लिकटेंस्टीन—के समूह यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (EFTA) के बीच हुआ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) 1 अक्टूबर से लागू हो गया है। यह भारत का इन देशों के साथ पहला समझौता है।

इस समझौते के तहत भारत को अगले 15 सालों में 100 अरब डॉलर (करीब 8.86 लाख करोड़ रुपये) का निवेश मिलने की उम्मीद है। इससे देश में लगभग 10 लाख नई नौकरियों के अवसर पैदा होंगे। EFTA ने भारत के 99.6 प्रतिशत निर्यात (92% टैरिफ लाइनों) पर शुल्क छूट दी है। वहीं, भारत ने 82.7 प्रतिशत टैरिफ लाइनों पर रियायतें दी हैं, हालांकि फार्मा, मेडिकल डिवाइस, डेयरी, प्रोसेस्ड फूड, सोया, कोल और कुछ कृषि उत्पादों को सुरक्षा प्रदान की गई है।

गोल्ड पर कोई बदलाव नहीं किया गया है, क्योंकि भारत का EFTA से 80 प्रतिशत से अधिक आयात सोने का होता है। समझौते से IT, शिक्षा, बिजनेस और ऑडियो-विजुअल सेवाओं में नए अवसर खुलेंगे। भारतीय पेशेवरों को नर्सिंग, चार्टर्ड अकाउंटेंसी और आर्किटेक्चर जैसे क्षेत्रों में भी फायदा होगा।

केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने इस समझौते को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यह भारत की विदेशी व्यापार नीति में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। उन्होंने कहा कि भारत अब यूरोपीय देशों के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट को मजबूती और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ा रहा है। इससे भारतीय निर्यातकों, उद्योगों और सेवा प्रदाताओं को बेहतर अवसर मिलेंगे और करोड़ों लोगों के लिए रोजगार सृजन होगा।