महाकुंभ: सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम, डीजीपी ने लिया जायजा
प्रयागराज| उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने आज प्रयागराज महाकुंभ की सुरक्षा व्यवस्था का विस्तृत निरीक्षण किया। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार सचिव गृह राजेश कुमार एवं एडीजी पीएचक्यू आनंद स्वरूप के साथ प्रयागराज का दौरा किया।
पुलिस महानिदेशक के समक्ष एटीएस ने एक मॉक ड्रिल का प्रदर्शन किया जिसमें झूंसी से हाईजैक की गई एक बस को आतंकवादियों द्वारा बंधक बना लिया गया था। एटीएस कमांडो की स्पेशल पुलिस ऑपरेशन टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आतंकवादियों को मार गिराया और बंधकों को मुक्त कराया। इस मॉक ड्रिल ने यह साबित कर दिया कि सुरक्षा एजेंसियां किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। पुलिस महानिदेशक ने बड़े हनुमान जी मंदिर का दर्शन किया और वहां की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। उन्होंने एसएसपी कुम्भ मेला के अस्थायी कार्यालय का भी उद्घाटन किया और पूरे परिसर का निरीक्षण किया। उन्होंने मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधाओं के लिए आवश्यक निर्देश दिए। पुलिस महानिदेशक ने अक्षयवट थाने में पुलिस कर्मियों के साथ भोजन किया और उन्हें बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कुम्भ मेला पुलिस लाइंस में तैनात यातायात उपकरणों का भी निरीक्षण किया। इन उपकरणों में इंटरसेप्टर, थ्रीथर ड्रोन और अन्य अत्याधुनिक उपकरण शामिल हैं।
पुलिस महानिदेशक ने साइबर अपराधों से बचाव के लिए एक लघु फिल्म का विमोचन किया जिसमें बॉलीवुड कलाकारों ने लोगों को जागरूक किया। इस फिल्म में साइबर धोखाधड़ी के तरीकों और उनसे बचाव के उपायों के बारे में विस्तार से बताया गया है। मीडिया से बातचीत में डीजीपी ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के निर्देशानुसार सुरक्षा की पुख्ता तैयारी की गई है। उन्होंने कहा कि महाकुंभ में लगभग 40 से 50 करोड़ लोग आएंगे और उनकी सुरक्षा के लिए जल, थल और नभ तीनों स्तर पर सुरक्षा व्यवस्था की गई है। उन्होंने साइबर सुरक्षा, आपदा प्रबंधन और यातायात व्यवस्था पर भी विस्तार से चर्चा की।
एक नज़र:
* सुरक्षा व्यवस्था: मॉक ड्रिल, एटीएस कमांडो की तैनाती, सात चक्रीय सुरक्षा घेरा
* यातायात व्यवस्था: इंटरसेप्टर, थ्रीथर ड्रोन, यातायात उपकरण
* साइबर सुरक्षा: साइबर अपराधों से बचाव के लिए जागरूकता अभियान
* आपदा प्रबंधन: आपदा प्रबंधन की सभी टीमों से समन्वय
* विदेशी श्रद्धालु: विदेशी श्रद्धालुओं की सुरक्षा पर विशेष ध्यान