गर्मी में इन 5 फसलों की खेती से करें शानदार कमाई, कम लागत में मिलेगी बंपर पैदावार

Lucknow: गर्मी के मौसम में खेती-किसानी करने वाले किसानों के लिए यह समय कम लागत में अधिक मुनाफा कमाने का बेहतरीन मौका साबित हो सकता है। विशेष रूप से कुछ मौसमी सब्जियों की खेती न सिर्फ पैदावार के लिहाज से फायदेमंद है, बल्कि इन पर सरकार द्वारा अनुदान भी दिया जाता है। उद्यान विभाग भी किसानों को प्रेरित कर रहा है कि वे गर्मी के अनुकूल फसलों को अपनाकर अपनी आमदनी बढ़ाएं। यहां हम बात कर रहे हैं पांच ऐसी सब्जियों की, जिनकी खेती गर्मियों में किसानों के लिए लाभ का सौदा बन सकती है।
1. भिंडी: सबसे लाभकारी फसल
गर्मी के इस मौसम में भिंडी की खेती सबसे उपयुक्त मानी जाती है। ऑर्गेनिक खेती की दिशा में सोच रहे किसानों के लिए यह एक सुनहरा मौका है। किसान अगर गोबर की खाद में गुड़ और पानी मिलाकर इसका उपयोग करें, तो इससे फसल की गुणवत्ता और उपज दोनों में बढ़ोतरी होती है। एक हेक्टेयर खेत में 30 से 40 किलो तक खाद का उपयोग पर्याप्त रहता है। अच्छी बात यह है कि भिंडी की खेती के लिए उद्यान विभाग बीजों पर अनुदान भी दे रहा है, जिससे किसानों का खर्च और कम हो जाता है।
2. लौकी: बांस की छान पर तैयार करें बंपर फसल
लौकी की खेती भी इस समय में बेहद फायदेमंद है। किसान बांस की छान तैयार कर उस पर लौकी की बेल चढ़ाकर खेती कर सकते हैं। रासायनिक विधि अपनाने वाले किसान 3-4 किलो यूरिया और डीएपी का प्रयोग कर सकते हैं, वहीं ऑर्गेनिक खेती के लिए 45 से 50 किलो गोबर की खाद प्रति हेक्टेयर पर्याप्त होती है। गोल और लंबी लौकी के बीज विभाग द्वारा उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
3. करैला: अप्रैल से शुरू करें बुवाई
गर्मी की शुरुआत यानी अप्रैल से करैले की बुवाई की जा सकती है। रासायनिक खाद के रूप में 20 किलो डीएपी, 15 किलो यूरिया और 8 किलो पोटाश प्रति हेक्टेयर की आवश्यकता होती है। ऑर्गेनिक विकल्प चाहने वाले किसान 40 से 50 किलो गोबर की खाद का इस्तेमाल करें। अच्छी उपज के लिए बीज शोधन जरूरी है, जिसके लिए टाइकोडरमा से बीज उपचार करना बेहद फायदेमंद साबित होता है।
4. तरोई: कम निवेश, बेहतर रिटर्न
तरोई की खेती छोटे या बड़े किसी भी पैमाने पर की जा सकती है। गर्मी में इसकी मांग और पैदावार दोनों अधिक होती हैं। ऑर्गेनिक विधि से की गई खेती न सिर्फ पर्यावरण के अनुकूल है बल्कि पैदावार भी बेहतर देती है। प्रति हेक्टेयर 50 किलो गोबर की खाद का प्रयोग और 5 से 6 बार सिंचाई से फसल को भरपूर पोषण मिलता है।
5. टमाटर: कम सिंचाई में अधिक मुनाफा
टमाटर एक ऐसी फसल है जो किसानों को कम समय में बेहतर आय दे सकती है। गर्मी में इसकी खेती के लिए 3 से 4 बार सिंचाई पर्याप्त रहती है। जनपद के विभिन्न क्षेत्रों में किसान पहले से ही टमाटर की खेती कर रहे हैं। खास बात यह है कि टमाटर की खेती पर 30 से 40 फीसदी तक अनुदान भी मिलता है, जिससे किसानों की लागत और भी कम हो जाती है।
अगर आप किसान हैं और गर्मी के मौसम में खेती की योजना बना रहे हैं, तो ये पांच सब्जियां आपके लिए बेहतर आमदनी का जरिया बन सकती हैं। कम लागत, सरकारी अनुदान और बाजार में बढ़ती मांग के चलते यह समय खेती के लिए बेहद लाभकारी साबित हो सकता है।