जम्मू-कश्मीर राज्यसभा चुनाव में संख्या बल के आधार पर एक भी सीट जीतने की स्थिति में नहीं है भाजपा : सीएम उमर अब्दुल्ला

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर राज्यसभा चुनाव (Rajya Sabha Elections) पर सोमवार को जम्मू-कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला (J&K CM Omar Abdullah) ने कहा कि भाजपा बिना खरीद-फरोख्त के तीन राज्यसभा सीटें नहीं जीत सकती है। उन्होंने कहा कि अगर वे दावा कर रहे हैं कि वे तीन सीटें जीतने जा रहे हैं, तो यह धन बल, बाहुबल और एजेंसियों की शक्ति है। उमर अब्दुल्ला ने कहा कि आज, जहां तक संख्या का सवाल है, भाजपा 1 सीट भी जीतने की स्थिति में नहीं है। बता दें कि चुनाव आयोग (CIC) ने 24 सितंबर को जम्मू और कश्मीर की राज्यसभा की चार सीटों के लिए द्विवार्षिक चुनावों की घोषणा की है। 24 अक्टूबर को चार सीटों के लिए चुनाव होने हैं। भारतीय जनता पार्टी को चिंता सता रही है कि कहीं चारों सीटें नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) और कांग्रेस पार्टी यानी कि सत्तारूढ़ गठबंधन के हाथों न चली जाएं।
जम्मू-कश्मीर विधानसभा (Jammu and Kashmir Legislative Assembly) में वर्तमान में 88 विधायकों में से भाजपा के 28 विधायक हैं। सत्तारूढ़ गठबंधन के लिए सभी सीटें जीतने का मौका है, यदि वे अन्य विपक्षी दलों को बीजेपी उम्मीदवार के खिलाफ वोट करने के लिए राजी करने में तैयार कर लेते हैं। दो सीटों के लिए दो अलग-अलग चुनाव होंगे। एनसी-कांग्रेस गठबंधन सरकार के पास दोनों सीटें जीतने के लिए स्पष्ट बढ़त है। वर्तमान में उनके पास 52 सीटें हैं। जिनमें एनसी की 41, कांग्रेस पार्टी की छह, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (एम) की एक और एनसी द्वारा समर्थित चार स्वतंत्र विधायक शामिल हैं। अन्य दो सीटों के लिए चुनाव होगा, जहां उम्मीदवार को जीतने के लिए 30 वोटों की आवश्यकता होगी।
सत्तारूढ़ गठबंधन आसानी से एक सीट जीत लेगी, अगर उमर अब्दुल्ला सरकार को पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के तीन वोट, सज्जाद लोन की पीपुल्स कॉन्फ्रेंस, इंजीनियर राशिद की अवामी इत्तेहाद पार्टी (एआईपी) और आम आदमी पार्टी (आप) के एक-एक वोट और निर्दलीय विधायकों के दो वोट मिल जाते हैं तो वे चौथी सीट भी जीत सकते हैं।

दूसरी ओर भाजपा की स्थिति कठिन है। वह संख्या बल को लेकर चिंतित है, क्योंकि अभी तक एक भी निर्दलीय विधायक ने पार्टी की ओर झुकाव नहीं दिखाया है। पार्टी सूत्रों की मानें तो चिंताजनक स्थिति है। उनके पास सिर्फ 28 विधायक हैं और एक सीट जीतने के लिए दो और वोटों की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पार्टी पहले से इस पर विचार कर रही है कि दो विधायकों को अपने पक्ष में कैसे लाया जाए?आरएस पुरा-जम्मू दक्षिण से भाजपा विधायक नरिंदर सिंह ने कहा,कि एक बार अधिसूचना जारी हो जाए और नामांकन दाखिल हो जाएं, उसके बाद चीजें स्पष्ट हो जाएंगी।
पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के सज्जाद लोन पहले भी भाजपा के साथ गठबंधन में रहे हैं। पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार में मंत्री रहे हैं। इसी तरह, पीडीपी भी भाजपा के साथ गठबंधन में रही है। अगर वे मतदान से अनुपस्थित भी रहते हैं, तो भाजपा को एक सीट जीतने में मदद मिलेगी। एक अन्य भाजपा नेता ने कहा कि भाजपा केवल पांच मनोनीत विधायकों पर उच्च न्यायालय के निर्देश का इंतजार कर रही है। यदि वह बीजेपी के पक्ष में आता है तो भाजपा के लिए एक सीट पक्की हो जाएगी क्योंकि उनकी संख्या 34 हो जाएगी।भाजपा आधिकारिक तौर पर अपने पत्ते नहीं खोल रही है।
