AI से नहीं घटती है क्रिएटिविटी, शंकर महादेवन ने शेयर किया अपना अनुभव

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Shankar Mahadevan: दुनिया के मशहूर गायक और संगीतकार शंकर महादेवन को आज हर कोई जानता हैं, उन्होंने अपने गानों से इंडस्ट्री में एक खास पहचान बनाई है, साथ ही बीते ढाई दशक से वह बेहद एक्टिव हैं। हाल ही में उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से एक गाना तैयार किया है। उन्होंने इस अनुभव को शानदार बताते हुए कहा कि एआई सिर्फ एक तकनीक है, जो हमारे काम को आसान और तेज बनाती है।

शंकर महादेवन ने एआई पर की खुलकर बात
शंकर महादेवन ने बातचीत के दौरान कहा कि “एआई एक टूल है, जैसे कैलकुलेशन के लिए हम कैलकुलेटर का इस्तेमाल करते हैं। वैसे ही एआई भी एक सहायक तकनीक है। इससे हमारी सोच या क्रिएटिविटी में कोई कमी नहीं आती। एआई को क्या करना है, ये तय करने वाले हम ही होते हैं। इससे काम और बेहतर हो सकता है।”

उन्होंने यह भी बताया कि वो जीवन में दो चीजों से हमेशा दूर रहते हैं, गुस्सा और अहंकार। उनके अनुसार, गुस्से में इंसान का खुद पर नियंत्रण नहीं रहता और अहंकार इंसान को दूसरों के लिए अच्छा सोचने से रोकता है। उनका मानना है कि इन दोनों चीजों से दूर रहकर ही जीवन में सच्ची खुशी और सफलता पाई जा सकती है। शंकर ने याद किया कि कैसे ‘दिल चाहता है’ फिल्म का पूरा साउंडट्रैक उन्होंने अपनी टीम के साथ मिलकर सिर्फ साढ़े तीन दिन में तैयार कर लिया था। उन्होंने यह भी बताया कि उनकी और उनके साथियों की जोड़ी, एहसान नूरानी और लाय मेंडोसा- पिछले 25-26 वर्षों से एक साथ काम कर रही है।

शंकर ने आगे टीमवर्क के बारे में बात की और उन्होंने कहा कि “हम एक परिवार हैं, और परिवार में बहस होती रहती है। लेकिन इन बहसों और अलग नजरियों से ही कुछ नया और बेहतर निकलता है।” हालांकि, आज के दौर में पैन इंडिया फिल्मों के चलते लोगों का म्यूजिक टेस्ट भी बदल गया है। अब सिर्फ हिंदी नहीं, बल्कि तेलुगु, मलयालम जैसे भाषाओं के गाने भी पसंद किए जा रहे हैं। शंकर का मानना है कि इससे हम सभी एक-दूसरे की संस्कृति को समझ पा रहे हैं और म्यूजिक भी अब ज्यादा आसान और दिलचस्प हो गया है।