10 साल बाद परिवार को मिला किडनैप हुआ बेटा, चेहरे के दाग और कटी उंगली से पहचान

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नोएडा: नोएडा फेज-2 थाने की पुलिस ने गेझा गांव से लापता हुए लड़के को 10 साल बाद सकुशल बरामद कर उसके परिवार के सुपुर्द कर दिया। कटी अंगुली और चेहरे पर दाग से उसकी पहचान हुई। परिजनों ने उसे सलामत देखा तो थाने में ही वे खुशी से रोने लगे। दिल्ली के बदरपुर निवासी राजमिस्त्री मंगल कुमार ने बच्चे को चोरी किया था।

मैनपुरी के पलिया गांव निवासी रघुवीर मिश्रा पत्नी अनीता और अपने दो बेटों अंशुल और हिमांशु के साथ वर्ष 2015 में गेझा गांव में किराये का कमरा लेकर रहते थे। वह गार्ड की नौकरी करते थे। 6 नवंबर 2015 को सेकेंड क्लास में पढ़ने वाला उनका 7 वर्षीय छोटा बेटा हिमांशु गांव के प्राइमरी स्कूल गया था। वह देर शाम तक घर नहीं लौटा। कई दिन तक हिमांशु नहीं मिला तो उसके पिता ने फेज-2 थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस की दो टीमें कई दिनों तक बच्चे को तलाशती रहीं, लेकिन सफलता नहीं मिली। आखिर में पुलिस ने बच्चे की गुमशुदगी के मामले में फाइनल रिपोर्ट लगाकर केस बंद कर दिया। परिजन भी बच्चे के वापस आने की उम्मीद खो बैठे और मैनपुरी चले गए।

रघुवीर के भतीजे संतोष के मोबाइल पर सोमवार रात को 8 बजे पुलिस का फोन आया। पुलिस ने हिमांशु के मिलने के बारे में बताया तो वह चौंक गए। उन्होंने यह जानकारी रघुवीर को दी। शुरुआत में रघुवीर यह मानने को तैयार ही नहीं हुए। उन्होंने सच्चाई जानने के लिए हाथ की अंगुली कटी होने और चेहरे पर निशान के बारे में पूछा तो पुलिस ने इसकी तस्दीक की। विश्वास होने पर रघुवीर ने अपने बड़े बेटे अंशुल को पहचान के लिए भेजा। रघुवीर ने मंगलवार को नोएडा पहुंचकर बेटे की पहचान की। बेटे को 10 वर्ष बाद आंखों के सामने पाकर उनके चेहरे खुशी से खिल गए। बच्चे को सकुशल बरामद कर बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश कर दिया गया। उसके बयान दर्ज कराकर परिजनों के सुपुर्द किया जाएगा। डीसीपी सेंट्रल ने किशोर को बरामद करने वाली टीम को 25 हजार रुपये का नकद पुरस्कार देने की घोषणा की है।

बच्चा चोर के पकड़े जाने पर खुला राज : सात साल के बच्चे को अपने साथ ले जाने वाले मंगल कुमार ने उसका नाम हिमांशु से प्रयांशु रख लिया था। हालांकि, बच्चे का लगाव मंगल के भाई राजू से होने के कारण वह उससे अलग हो गया। मंगल की पत्नी उसे छोड़कर चली गई। हिमांशु यानि प्रयांशु भी उसके भाई के साथ रहने लगा। ऐसे में बुढ़ापे का सहारा बनने के लिए मंगल ने 28 मई 2025 को फरीदाबाद के सूरजकुंड थाना क्षेत्र से एक और बच्चे को चोरी किया। इस बार पुलिस ने मंगल को बच्चे समेत पकड़ लिया। पुलिस के सख्ती से पेश आने पर मंगल ने 10 साल पहले हिमांशु को चोरी करने का भी राज उगल दिया। फरीदाबाद पुलिस ने नोएडा फेज दो थाना पुलिस से संपर्क किया। वर्ष 2015 में थाना क्षेत्र से लापता हुए बच्चों की जानकारी जुटाकर हिमांशु के परिजनों को दी गई। उन्होंने हिमांशु के दाहिने हाथ की कटी अंगुली और चेहरे कटे निशान से पहचान की।

पैरवी करने पहुंचा किशोर तो शक गहराया
एडिशनल डीसीपी हृदेश कठेरिया ने बताया कि मंगल कुमार वर्ष 2015 में सेक्टर-18 में रहकर मजदूरी करता था। उसने बीते महीने फरीदाबाद से सात साल के बच्चे को उठाया और उसे लेकर लखनऊ चला गया। पुलिस मंगल को पकड़कर बच्चे को बरामद कर लाई तो हिमांशु उसकी पैरवी में थाने पहुंचा। पुलिस ने मंगल के बारे में पता किया तो यह जानकारी सामने आई कि उसकी पत्नी की 20-22 साल पहले मौत हो चुकी है। ऐसे में यह 17 साल का बेटा कैसे है, इस सवाल से हिमांशु पर फरीदाबाद पुलिस का संदेह गहराया था। इसके बाद मामले से पर्दा उठा।

किशोर का डीएनए टेस्ट कराएगी नोएडा पुलिस
एसीपी वर्णिका सिंह ने बताया कि फरीदाबाद पुलिस से सूचना मिलने के बाद पुलिस ने करीब 12 घंटे पुराना रिकॉर्ड खंगाला। इसी दौरान पता चला कि उस समय दर्ज केस में मोबाइल नंबर पीड़ित परिवार का न होकर किसी और का था। फिर वहां से किसी तरह परिवार की जानकारी जुटाकर संपर्क किया गया। पुलिस अधिकारियों ने आगे कहा कि बच्चे को लेकर किसी प्रकार का संदेह परिवार के लोगों को नहीं है। फिर भी तथ्यों की पुख्ता जांच के लिए डीएनए टेस्ट भी करवाया जाएगा। इसके लिए दो दिन के अंदर सैंपल दिलवाए जाएंगे। पुलिस आरोपी मंगल से पूछताछ कर सकती है।