फैमिली पेंशन पर सरकार का नया नियम, सरकारी कर्मचारियों के लिए जरूरी खबर
Enhanced Family Pension: केंद्र सरकार ने पारिवारिक पेंशन नियमों में बड़ा बदलाव किया है। कर्मचारी पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग (DoPPW) ने स्पष्ट किया है कि अब दिवंगत सरकारी कर्मचारी के दोनों माता-पिता को बढ़ी हुई पारिवारिक पेंशन जारी रखने के लिए हर साल अलग-अलग लाइफ सर्टिफिकेट जमा करना होगा। विभाग को कई ऐसे मामले मिले, जहां एक अभिभावक की मृत्यु के बाद भी बढ़ी हुई दर से पेंशन जारी रही। इसे रोकने के लिए अब यह व्यवस्था लागू की गई है।
कब मिलती है बढ़ी हुई फैमिली पेंशन?
नए CCS (EOP) Rules, 2023 के अनुसार, अगर किसी सरकारी कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है और उसके न तो पति/पत्नी हैं, न कोई पात्र संतान, तो उसके निर्भर माता-पिता को आजीवन फैमिली पेंशन मिलती है। यदि दोनों अभिभावक जीवित हैं, तो अंतिम वेतन का 75% पेंशन दी जाती है। यदि सिर्फ एक अभिभावक जीवित है, तो यह घटकर 60% रह जाती है।
हर साल जरूरी होगा लाइफ सर्टिफिकेट
DoPPW ने कहा कि अब से दोनों अभिभावकों को हर वर्ष अपना जीवन प्रमाण पत्र देना होगा, ताकि गलत भुगतान न हो और रिकॉर्ड समय पर अपडेट किया जा सके।

क्या है जीवन प्रमाण पत्र?
पेंशनभोगियों को हर साल अक्टूबर से नवंबर के बीच बैंक या अन्य एजेंसी में जीवन प्रमाण पत्र जमा करना होता है। 80 वर्ष से अधिक उम्र वाले वरिष्ठ पेंशनरों को 1 अक्टूबर से ही यह प्रमाण पत्र जमा करने की सुविधा है।
सेवानिवृत्ति के बाद मृत्यु पर भी मिलेगा लाभ
विभाग ने यह भी साफ किया कि यदि कोई सरकारी कर्मचारी सेवानिवृत्ति के बाद निधन करता है, तो उसके परिवार को सात वर्ष या मृतक की संभावित 67 वर्ष की आयु तक, जो पहले आए, बढ़ी हुई दर पर पेंशन दी जाएगी। यह प्रावधान सभी कर्मचारियों पर लागू होगा, जिनमें 65 वर्ष में सेवानिवृत्त होने वाले डॉक्टर भी शामिल हैं। यह फैसला सरकार की ओर से पेंशन व्यवस्था को अधिक पारदर्शी और जवाबदेह बनाने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है।

