भारत में साइबर अपराध और वित्तीय धोखाधड़ी पर सख्ती, अब रियल-टाइम डेटा से होगी ठगी की तुरंत पहचान

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नई दिल्ली: देश में बढ़ते साइबर अपराध और वित्तीय धोखाधड़ी पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। दूरसंचार विभाग (DoT) और वित्तीय खुफिया इकाई-भारत (FIU-IND) ने एक समझौता किया है जिसके तहत अब संदिग्ध वित्तीय लेन-देन से जुड़ी जानकारियां रियल-टाइम में साझा की जाएंगी। इस व्यवस्था से साइबर ठगी और ऑनलाइन वित्तीय अपराधों की पहचान तुरंत हो सकेगी और समय रहते कार्रवाई संभव होगी।

इस साझेदारी के तहत बैंकों और वित्तीय संस्थानों से आने वाले संदिग्ध लेन-देन का डेटा DoT के पास जाएगा और इसे टेलीकॉम कंपनियों से मिलान कर धोखाधड़ी करने वालों की पहचान की जाएगी। इससे मोबाइल नंबर और बैंक खातों का इस्तेमाल कर किए जाने वाले अपराधों पर सीधा प्रहार होगा।

सरकार का मानना है कि इस कदम से देशभर में डिजिटल लेन-देन को और सुरक्षित बनाया जा सकेगा और आम जनता का भरोसा मजबूत होगा। विशेषज्ञों का कहना है कि साइबर अपराधी अक्सर फर्जी सिम कार्ड और बैंक खातों का इस्तेमाल कर लोगों को ठगते हैं, ऐसे में दोनों विभागों के बीच रियल-टाइम डेटा साझाकरण से उनकी योजनाओं को तुरंत विफल किया जा सकेगा।