दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय का 43वां दीक्षांत समारोह सम्पन्न

गोरखपुर विश्वविद्यालय

गोरखपुर: राज्यपाल व कुलाधिपति  आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय का 43 वां दीक्षांत समारोह सम्पन्न हुआ। समारोह में राज्यपाल जी ने विश्वविद्यालय के 61 मेधावियों को स्वर्ण पदक तथा 166 शोधार्थियों को पीएचडी की उपाधि प्रदान की।

राज्यपाल जी ने डिग्री व मेडल प्राप्त करने वाले छात्रों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि इस दीक्षांत समारोह में सबसे ज्यादा मेडल बेटियों ने प्राप्त किया है। यह उनके साथ उनके माता पिता के परिश्रम का परिणाम है। राज्यपाल जी ने विश्वविद्यालयों द्वारा गोद लिए गांवो के स्कूलों में पढ़ने वाले छोटे बच्चों के बीच आयोजित प्रतिस्पर्धा में अच्छा प्रदर्शन करने वाले बच्चों को सम्मानित करते हुए कहा कि ये बच्चे मेडल प्राप्त करने वाले छात्रों से प्रेरणा लेकर शिक्षा के ़क्षेत्र में आगे बढ़ने का प्रयास करेंगे।

उन्होंने कहा कि जीवन में सबसे मूल्यवान बड़ों को आशीर्वाद होता है। सभी छात्र-छात्राओं को इस आशीर्वाद को ग्रहण कर जीवन में आगे बढ़ने का प्रयास करना चाहिए। विधार्थियों को अपनी रूचि के अनुसार कुछ न कुछ नया करने के कार्य पर जुट जाना चाहिए। छात्र पढ़ाई के साथ लेखन, भाषण या किसी अन्य प्रोडक्ट के निर्माण के विचार में भी अपनी मेधा का इस्तेमाल कर सकते हैं। अब छात्रों को सोचना होगा कि उन्हें अपना भविष्य किस क्षेत्र में बनाना है। किसी भी छात्र को अन्य छात्र के विजन की नकल नहीं करनी चाहिए, बल्कि उन्हें अपना लक्ष्य खुद बनाना चाहिए।

इस अवसर पर राज्यपाल जी ने कहा कि विद्यार्थियों को अधिक से अधिक परिश्रम करना चाहिए क्योंकि आज 21वीं सदी में उनको सारी सुविधाएं मिल रही हैं। पहले संसाधन नही था फिर भी तमाम समस्याओं एवं चुनौतियों के बाद भी तमाम लोगों ने अनुसंधान कर के हमारे लिए ज्ञान का भंडार दिया।

अनुसंधान के कार्य को तीव्रता से बढ़ाने का निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि सभी विश्वविद्यालयों को अपनी शैक्षिक कार्य प्रणाली में शोधात्मक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत की जनसंख्या का दो तिहाई भाग युवा है। भारत में लगभग 65 प्रतिशत युवा 35 वर्ष से कम आयु का है। उन्हें नई तकनीक व नये शोध के माध्यम से अच्छे ढंग से तैयार करना चाहिए।

ऐसा करके हम देश का उज्ज्वल भविष्य तैयार कर पायेंगे। उन्होंने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी देश को वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र एवं आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने के लिए लगातार अग्रसर हैं। हमें एक ऐसा विकसित राष्ट्र बनाना है, जहां प्रत्येक किसान को शांतिपूर्ण माहौल में समृद्धि का अवसर प्राप्त हो सके, कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न हो, कोई भी परिवार गरीब न हो। राज्यपाल जी ने कहा कि आज भारत दुनिया का नेतृत्व कर रहा है। यह कठिन परिश्रम से संभव हुआ है।

राज्यपाल जी ने विश्वविद्यालय को एन.आई.आर.एफ. रैंक में अच्छा स्थान प्राप्त होने के बाद विश्व रैंक में अच्छा स्थान पाने के लिए कार्य करने का निर्देश देते हुए कहा कि अपनी मेहनत के परिणाम स्वरूप आज भारत के दो विश्वविद्यालय शीर्ष 100 विश्वविद्यालयों में स्थान प्राप्त कर चुके हैं।

राज्यपाल जी ने सभी विश्वविद्यालयों एवं उनसे संबद्ध कॉलेजों को मिलकर कार्य करने का निर्देश देते हुए नये तकनीक से सुसज्जित अध्यापकों की उपलब्धता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि जूनियर एवं सीनियर के भाव को हटाकर सभी को मिलकर कार्य करना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने सभी संस्थानों को 20 दिन के अंदर परिणाम जारी करने का भी निर्देश देते हुए कहा कि सभी शिक्षकों को छात्रों के भविष्य की चिंता करने के भाव के साथ अपना कर्तव्य पूर्ण करना चाहिए। आज इतनी तकनीक आ चुकी है कि 15 से 20 दिनों में रिजल्ट जारी किया जा सकता है।

इस अवसर पर प्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय, उच्च शिक्षा राज्य मंत्री रजनी तिवारी तथा मुख्य अतिथि एडेलवेस म्यूचुअल फंड की एम.डी. और सीईओ राधिका गुप्ता ने भी छात्र/छात्राओं को सम्बोधित किया। विश्वविद्यालय की कुलपति पूनम टंडन ने अपने संबोधन में विश्वविद्यालय की उपलब्ध्यिों का वर्णन किया।

इस अवसर पर राज्यपाल जी ने विश्वविद्यालय परिसर स्थित कुलाधिपति वाटिका में वृक्षारोपण, विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह की स्मारिका व महिला अध्ययन केन्द्र की रिपोर्ट बुकलेट का विमोचन करने के साथ ही विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गए पांच गाँवों में से दो आंगनबाड़ी केन्द्रों को फल, उपहार तथा किट प्रदान किया। राज्यपाल जी ने बेसिक शिक्षा परिषद व माध्यमिक विद्यालय के मध्य आयोजित प्रतियोगिता में उच्च स्थान प्राप्त करने वाले छात्र/छात्राओं के साथ-साथ आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को भी पुरस्कृत किया। उन्होंने विश्वविद्यालय व भारतीय स्टेट बैंक, एचडीएफसी बैंक तथा आइसीआइसीआई बैंक के संयुक्त तत्वाधान में देवरिया जनपद के आंगनबाड़ी केंद्रों को 200 किट वितरित किया तथा इस सराहनीय कार्य हेतु भारतीय स्टेट बैंक, एचडीएफसी बैंक तथा आइसीआइसीआई बैंक के प्रतिनिधियों को स्मृति पत्र प्रदान किया। इस अवसर पर विभिन्न विभागाध्यक्ष, प्राचार्य, छात्र छात्राए, एवं प्रशासनिक अधिकारीगण उपस्थित रहें।