पहलगाम हमला: पहले ताकत अब कूटनीति, दुनिया के सामने TRF को बेनकाब करने की तैयारी पूरी

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नई दिल्ली: भारत ने पहलगाम हमले के पीछे संदिग्ध संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट को आतंकवादी समूह के रूप में सूचीबद्ध करने के प्रयास में संयुक्त राष्ट्र में एक टीम भेजी है. सूत्रों के मुताबिक, एक भारतीय तकनीकी टीम न्यूयॉर्क में है. वे आज 1267 प्रतिबंध समिति की निगरानी टीम और संयुक्त राष्ट्र में अन्य भागीदार देशों के साथ बातचीत कर रहे हैं.

वे संयुक्त राष्ट्र आतंकवाद निरोधक कार्यालय और आतंकवाद निरोधक समिति कार्यकारी निदेशालय के साथ भी बैठक करेंगे. विदेश सचिव विक्रम मिस्री सहित भारतीय अधिकारियों ने कहा है कि टीआरएफ ने 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकवादी हमला किया था. उन्होंने समूह को संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा संगठन है.

ऑपरेशन सिंदूर के बाद यह पहली बार है जब नई दिल्ली ने संयुक्त राष्ट्र और उसके आतंकवाद विरोधी निकायों के साथ टीआरएफ का मुद्दा उठाया है. यह तब हुआ है जब पाकिस्तान ने आतंकी हमले पर 25 अप्रैल के सुरक्षा परिषद के बयान से टीआरएफ का नाम हटवा दिया था.

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा था कि टीआरएफ ने शायद तभी अपने दावे से पीछे हटना शुरू किया जब संगठन के नेताओं और सीमा पार के संचालकों को हमले की गंभीरता का एहसास हुआ. उन्होंने कहा था कि जाहिर है कि इस तरह से पीछे हटने से कोई भी आश्वस्त नहीं होता है. भारत ने पाकिस्तान में नौ आतंकी ठिकानों पर हमले किए जाने के बाद, जिसमें मुरीदके में लश्कर का मुख्यालय भी शामिल था.

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