राज्यपाल की अध्यक्षता में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ का 36वां दीक्षांत समारोह सम्पन्न हुआ

लखनऊ | उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ का 36वां दीक्षांत समारोह सम्पन्न हुआ। समारोह में 87,765 विद्यार्थियों को विभिन्न पाठ्यक्रमों में उत्तीर्ण होने पर उपाधियाँ प्रदान की गईं, जिसमें 218 पदक उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए दिए गए, जिनमें से 82 प्रतिशत पदक छात्राओं ने हासिल किए। राज्यपाल जी ने हर वर्ष दीक्षांत समारोह में पदक/उपाधि प्राप्त करने में लड़कियों की लगातार बढती़ संख्या पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए विद्यार्थियों को अपने माता-पिता को शिक्षित करने के साथ-साथ समाज को भी शिक्षा के माध्यम से समृद्ध करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि कोई भी बच्चा ड्रॉप आउट नहीं होना चाहिए। इस अवसर पर कुलाधिपति जी ने अपने संबोधन में चीनी यात्री फाह्यान का उदाहरण देते हुए विद्यार्थियों को लक्ष्य प्राप्ति के लिए कठिन परिस्थितियों में भी हार न मानने की प्रेरणा देते हुए कहा कि देश के निर्माण की आधारशिला शिक्षा है। शिक्षा ऐसी होनी चाहिए जो विद्यार्थी के अंदर बौद्धिकता और कौशल विकास करने के साथ ही चरित्र और नैतिक बल को मजबूत बनाए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति का लक्ष्य है कि वर्ष 2030 तक 50 प्रतिशत युवा छात्र-छात्राएं विश्वविद्यालय का ज्ञान प्राप्त कर सकें। इसके लिए हमें अभी से प्रयास करने होंगे।
राज्यपाल जी ने नालंदा और तक्षशिला विश्वविद्यालय की ऐतिहासिक उपयोगिता पर अपने विचार रखते हुए कहा कि हमारे देश की परंपरा रही है कि लोग बाहर से हमारे देश में ज्ञान प्राप्त करने आया करते थे। नालंदा और तक्षशिला जैसे प्राचीन विश्वविद्यालय हमारे देश के गौरव का प्रतीक हैं, जहां से ज्ञान की ज्योत पूरे विश्व में फैली। हमें इस परंपरा को बनाए रखना चाहिए और शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी बने रहना चाहिए।
राज्यपाल जी ने विश्वविद्यालयों में नव-अन्वेषण और अनुसंधान को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि विश्वविद्यालयों में ऐसा माहौल होना चाहिए, जो नव-अन्वेषण और अनुसंधान को सहयोग प्रदान करे, जिससे लोगों के जीवन में सुधार के लिए उपयोगी नवाचार हो सकें। उन्होंने कहा कि शिक्षा के सभी क्षेत्रों में गुणात्मक आदर्शों को प्राप्त करने के लिए शिक्षण और शोध पर विशेष ध्यान देना आवश्यक है।
उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश की प्रगति का उल्लेख करते हुए कहा वंदे भारत ट्रेन के माध्यम से मेरठ-लखनऊ के मध्य हाईस्पीड यात्रा की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। इससे मेरठ के खेल उद्योग सहित अन्य व्यवसायों को भी लाभ होगा। उन्होंने विश्वविद्यालय को निर्देश दिया कि वे विद्यार्थियों को केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं से परिचित कराएं ताकि वे उनका लाभ उठा सकें।
राज्यपाल जी ने केंद्र सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किए गए बजटीय प्रावधानों का भी उल्लेख करते हुए कहा कि इस वर्ष के बजट में शिक्षा हेतु 1.48 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जो अब तक का सर्वाधिक आवंटन है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के लिए 19,025 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि ऐसे विद्यार्थी, जो किसी सरकारी योजना के पात्र नहीं हैं, उनके लिए प्रतिवर्ष 1 लाख विद्यार्थियों को 10 लाख रुपये तक के ऋण की ब्याज में छूट का प्रावधान भी किया गया है। राज्यपाल जी ने आगे बताया कि अगले पांच वर्षों में 1 करोड़ विद्यार्थियों को प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना के तहत भारत की शीर्ष कंपनियों में कार्य करने का अवसर मिलेगा। मॉडल कौशल ऋण योजना के अंतर्गत प्रतिवर्ष 25,000 विद्यार्थियों को 7.5 लाख रुपये तक का ऋण प्रदान किया जाएगा। भविष्य की आवश्यकताओं को देखते हुए, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (ए.आई.) के तीन नए केंद्र स्थापित करने के लिए 255 करोड़ रुपये का प्रावधान भी किया गया है।
राज्यपाल जी ने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान (पी.एम.ऊषा) के लिए 1,814.94 करोड़ रुपये और प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा प्रोत्साहन योजना के लिए 1,558 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। राष्ट्रीय डिजिटल लाइब्रेरी के लिए पहली बार 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जबकि विश्वविद्यालयों और संस्थानों की गुणवत्ता में वृद्धि हेतु नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एन.आई.आर.एफ.) के लिए 5 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
राज्यपाल जी ने विश्वविद्यालय को निर्देश दिया कि इन योजनाओं और बजट प्रावधानों का अधिकतम लाभ उठाकर विद्यार्थियों के विकास में योगदान दिया जाना चाहिए। इन प्रयासों से न केवल शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि देश के भविष्य को भी संवारने में सहायता मिलेगी।
इस अवसर पर राज्यपाल जी ने स्कूल प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियो व श्रेष्ठ आंगनबाड़ी को सम्मानित किया। प्राथमिक विद्यालय के बच्चांे को फल, पुस्तक किट एवं आंगनबाड़ी कार्यकत्रियांे को बच्चों के लिए 200 आंगनबाड़ी किट का वितरण किया तथा प्राथमिक विद्यालय की लाईब्रेरी हेतु पुस्तक भी भेंट की। उन्होंने 77,261 उपाधियों को भी डिजी लॉकर में समावेशित किया
समारोह में मुख्य अतिथि माननीय महानिदेशक सी.एस.आई.आर. एवं सचिव डी.एस.आई.आर. डॉ0 नल्लाथम्बी कलैसेल्वी, विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो0 संगीता शुक्ला ने भी विद्यार्थियों को अपने सम्बोधन के द्वारा प्रेरित किया।
इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी नगर बृजेश सिंह, जनप्रतिनिधिगण, कार्यकारी परिषद सदस्य, अधिकारीगण/कर्मचारीगण, शिक्षकगण, छात्र-छात्राएं, आंगनबाड़ी कार्यकत्री व अन्य महानुभाव उपस्थित रहे।