130वां संविधान संशोधन बिल लोकतंत्र को कमज़ोर करने वाला, सत्ताधारी पार्टियां अपने-अपने लाभ, स्वार्थ व द्वेष में ज्यादातर करेंगी दुरुपयोग: मायावती

mayawati

लखनऊ। प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या किसी भी मंत्री की गंभीर अपराध में गिरफ्तारी और 30 दिन तक न्यायिक हिरासत में रखे जाने पर उन्हें पद से हटाने के प्रावधान वाले 130वें संविधान संशोधन विधेयक को लेकर हंगामा जारी है। विपक्षी दल के नेता इस विधेयक का विरोध कर रहे हैं। अब बसपा सुप्रीमो मायावती का भी इस पर बयान आया है। उन्होंने इसे लोकतंत्र को कमजोर करने वाला बताया है।

मायावती ने इसको लेकर सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट लिखा है। उन्होंने लिखा कि, केन्द्र सरकार द्वारा कल संसद में, भारी हंगामे के बीच लाया गया 130वां संविधान संशोधन बिल, देश में पिछले कुछ वर्षों से चल रहे राजनैतिक हालात में, यह स्पष्टतः लोकतंत्र को कमज़ोर करने वाला लगता है और इसका सत्ताधारी पार्टियां अपने-अपने लाभ, स्वार्थ व द्वेष में ज्यादातर इसका दुरुपयोग ही करेंगी, ऐसी जनता को आशंका। अतः इस बिल से हमारी पार्टी कतई भी सहमत नहीं है। सरकार इसे देश के लोकतंत्र एवं संविधान के हित में ज़रूर पुनर्विचार करे तो यह उचित होगा।

बता दें कि, बुधवार को लोकसभा में प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या किसी भी मंत्री की गंभीर अपराध में गिरफ्तारी और 30 दिन तक न्यायिक हिरासत में रखे जाने पर उन्हें पद से हटाने के प्रावधान वाले 130वें संविधान संशोधन विधेयक तथा दो अन्य विधेयकों को विपक्ष के भारी विरोध और हंगामे के बीच बुधवार को संयुक्त संसदीय समिति (JPC) को भेज दिया है। ऐसी चर्चा है कि संसद के शीतकालीन सत्र से पहले JPC इस बिल पर अपनी रिपोर्ट लोकसभा अध्यक्ष को सौंप देगी। उसके बाद इस बिल को पारित कराने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।