प्रदेश की राज्यपाल, श्रीमती आनंदीबेन पटेल, ने आज कानपुर में आयोजित जे के समूह के 140वें संस्थापक दिवस समारोह में भाग लिया

लखनऊ| उत्तर प्रदेश की राज्यपाल, आनंदीबेन पटेल, ने कानपुर में आयोजित जे के समूह के 140वें संस्थापक दिवस समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों, बच्चों, और विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों के बीच अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने भारतीय संस्कृति और परंपराओं को आगे बढ़ाने में युवाओं की भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि कानपुर को ’मैनचेस्टर ऑफ द ईस्ट’ कहा जाता है और यहां के जेके समूह ने शिक्षा, स्वास्थ्य, और रोजगार के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
अपने संबोधन में राज्यपाल जी ने महिलाओं के स्वास्थ्य और उनके सशक्तिकरण पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि कैंसर जैसी बीमारियों से महिलाओं की सुरक्षा के लिए जागरूकता और टीकाकरण की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि राजभवन की बेटियों का वैक्सीनेशन उन्होंने स्वयं कराया है, जिससे समाज में एक जागरूकता का संदेश जा सके। राज्यपाल ने बालिका शिक्षा और बाल विवाह की रोकथाम के महत्व को भी रेखांकित किया। उन्होंने अपनी निजी जीवन की घटनाओं का उल्लेख करते हुए समाज को जागरूक होने की अपील की, विशेषकर दहेज प्रथा और बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराइयों को दूर करने के लिए।
उन्होंने जेके समूह की भिक्षा से शिक्षा की ओर पहल की सराहना की, जिसमें 500 बच्चों को शिक्षा की ओर प्रेरित किया गया है। राज्यपाल जी ने इस कार्य को आगे बढ़ाने के लिए समाज के सक्षम व्यक्तियों से योगदान देने की अपील की ताकि समाज के वंचित बच्चों को शिक्षा और प्रगति के अवसर मिल सकें।
राज्यपाल ने आंगनवाड़ी में किए गए सुधार कार्यों पर भी चर्चा की और बताया कि उत्तर प्रदेश में आंगनवाड़ी केंद्रों को सुसज्जित किया गया है, जिससे बच्चों के नामांकन में वृद्धि हुई है।
इस कार्यक्रम में उपस्थित लोगों का आभार व्यक्त करते हुए राज्यपाल जी ने समाज कल्याण और सामाजिक उत्थान में जेके समूह के योगदान की सराहना की और कामना की कि आगामी वर्षों में ये प्रयास जारी रहेंगे। उन्होंने सभी नागरिकों को एकजुट होकर सामाजिक बुराइयों को समाप्त करने का आह्वान किया और सबका साथ-सबका विकास की भावना को बढ़ावा देने की बात कही।
राज्यपाल ने विशिष्ठ अतिथि कैबिनेट मंत्री श्री नंद गोपाल नंदी एवं अन्य गणमान्य अतिथियों एवं सिंहानिया परिवार के सदस्यों के साथ भगवान श्री राधाकृष्ण जी के दर्शन किये। दर्शन के बाद सभी ने जे के टाइम लाइन गैलरी का भी भ्रमण किया।
इस अवसर पर राज्यपाल ने गोविन्द हरी सिंघानिया कौशल विकास केंद्र का उद्घाटन किया गया। इस केंद्र में प्रारंभ में 100 महिलाओं को सिलाई का प्रशिक्षण दिया जायेगा। संस्था का लक्ष्य भविष्य में और कौशल विकास केंद्र खोलकर अधिक से अधिक महिलाओं को इस पहल से जोड़ना है, ताकि समाज में व्यापक स्तर पर महिला सशक्तिकरण और स्वावलम्बन को प्रोत्साहन मिल सके।
सर्वाइकल कैंसर टीकाकरण अभियान के तहत 9 से 15 वर्ष की आयु की 140 बालिकाओं को सर्वाइकल कैंसर के टीके लगाए गए। इस पहल का उद्देश्य बालिकाओं को सर्वाइकल कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से सुरक्षा प्रदान करते हुए उन्हें स्वस्थ एवं सुरक्षित भविष्य की ओर अग्रसर करना है। इस टीकाकरण के माध्यम से बालिकाओं को न केवल स्वास्थ्य सुरक्षा मिलेगी, बल्कि यह उन्हें आत्मनिर्भर और सशक्त बनने की दिशा में प्रेरित करेगा। राज्यपाल जी ने स्वयं अपने कर-कमलों से पहली 10 बालिकाओं को टीकाकरण कार्ड प्रदान किये।
उम्मीद संस्था द्वारा गरीब बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के प्रयासों को और सशक्त बनाने के लिए, जे के समूह अपने 140वें संस्थापक दिवस पर संस्था को 140,000 रुपये की सहायता प्रदान की। यह राशि बच्चों को बेहतर शिक्षा और समग्र विकास के अवसर प्रदान करने में मदद करेगी, जिससे वे न केवल अपने जीवन को बेहतर बना सकेंगे, बल्कि देश निर्माण में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान देंगे। माननीया राज्यपाल जी ने अपने कर-कमलों से उम्मीद संस्था को प्रतीकात्मक चेक प्रदान किया।
जे.के. समूह बाल विकास और महिला स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता को प्रोत्साहित करता है। 140वे संस्थापक दिवस के शुभ अवसर पर समूह ने माननीया राज्यपाल महोदया द्वारा 10 आंगनवाड़ी केन्द्रों को आगनबाड़ी किट वितरण किया।
इसके बाद विशिष्ट अतिथि, कैबिनेट मंत्री श्री नन्द गोपाल गुप्ता ’नंदी’ जी और मुख्य अतिथि, माननीया राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल जी ने अपने संबोधन में जे के समूह को संस्थापक दिवस की बधाई दी और राष्ट्र सेवा एवं राष्ट्र निर्माण में समूह के उल्लेखनीय योगदान की सराहना की। जे के इंटरप्राइजेज लिमिटेड के संयुक्त प्रबंध निदेशक श्री पार्थो कर जी द्वारा धन्यवाद भाषण दिया गया। इसके बाद सुप्रसिद्ध लोक गायिका पद्मश्री श्रीमती मालिनी अवस्थी जी ने अपनी मधुर आवाज में भजनों और लोक गीतों की प्रस्तुति से सभी को मंत्रमुग्ध किया।