‘सिंदूर‘ हमारी परंपरा में नारी शक्ति और शौर्य का प्रतीक – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

भोपाल । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने कहा कि सिंदूर हमारी परंपरा में (‘Sindoor’ in our Tradition) नारी शक्ति और शौर्य का प्रतीक है (Is a symbol of Women’s Power and Bravery) । रामभक्त हनुमान भी सिंदूर ही धारण करते हैं। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के जंबूरी मैदान में आयोजित महिला सशक्तिकरण महासम्मेलन में महिलाओं को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहलगाम के हमले का जिक्र किया।
पीएम मोदी ने कहा, “पहलगाम में आतंकियों ने सिर्फ भारतीय खून नहीं बहाया, उन्होंने हमारी संस्कृति पर भी प्रहार किया है। उन्होंने हमारे समाज को बांटने की कोशिश की। आतंकवादियों ने भारत की नारी की शक्ति को चुनौती दी है, यही चुनौती आतंकवादियों और उनके आकाओं के लिए काल बन गई है। ऑपरेशन सिंदूर आतंकवाद के खिलाफ भारत के इतिहास का सबसे बड़ा और सफल ऑपरेशन है, हमारी सेना ने आतंकियों के ठिकानों को मिट्टी मिला दिया, सैकड़ों किलोमीटर दूर घुसकर मिट्टी मिला दिया। ऑपरेशन सिंदूर ने डंके की चोट पर कह दिया है कि आतंकवाद के जरिए छद्म युद्ध, प्रॉक्सी वार नहीं चलेगा। अब घर में घुसकर भी मारेंगे और जो आतंक की मदद करेगा, उसको भी इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।”

पीएम मोदी ने आगे कहा, “देश के 140 करोड़ लोग कह रहे हैं कि अगर तुम गोली चलाओगे, तो गोला से जवाब दिया जाएगा। ऑपरेशन सिंदूर हमारी नारी शक्ति के समर्थन का प्रतीक रहा है। भारत संस्कृति और संस्कारों का देश है। सिंदूर हमारी परंपरा में नारी शक्ति का प्रतीक है, रामभक्ति के रंग में रंगे हनुमान जी भी सिंदूर को ही धारण किए हुए हैं। शक्ति पूजा में हम सिंदूर का अर्पण करते हैं और यही सिंदूर अब भारत के शौर्य का प्रतीक बना है।”
इस अवसर पर उन्होंने लोकमाता देवी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जन्मजयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके योगदान को याद किया। देवी अहिल्याबाई का स्मरण करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ये मेरा सौभाग्य है कि जिस काशी में लोकमाता अहिल्याबाई ने विकास के इतने काम किए, उस काशी ने मुझे भी सेवा का अवसर दिया है। आज अगर आप काशी विश्वनाथ महादेव के दर्शन करने जाएंगे, तो वहां आपको देवी अहिल्याबाई की मूर्ति भी मिलेगी। देवी अहिल्याबाई भारत की विरासत की बहुत बड़ी संरक्षक थीं। जब देश की संस्कृति पर, हमारे मंदिरों, हमारे तीर्थ स्थलों पर हमले हो रहे थे, तब लोकमाता ने उन्हें संरक्षित करने का बीड़ा उठाया। उन्होंने काशी विश्वनाथ सहित पूरे देश में हमारे अनेकों मंदिरों का, हमारे तीर्थों का पुनर्निर्माण किया।”

उन्होंने अपने संबोधन में लोकमाता अहिल्याबाई के ऐतिहासिक योगदान को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, “लोकमाता अहिल्याबाई भारत की सांस्कृतिक विरासत की महान संरक्षक थीं। 250-300 साल पहले, जब देश गुलामी की जंजीरों में जकड़ा था, तब उन्होंने काशी विश्वनाथ सहित देशभर के मंदिरों और तीर्थ स्थलों का पुनर्निर्माण कराया। यह उनके दृढ़ संकल्प और इच्छाशक्ति का प्रतीक है। काशी विश्वनाथ मंदिर में आज उनकी मूर्ति स्थापित है, जो उनकी विरासत को दर्शाता है।” उन्होंने कहा, “लोकमाता अहिल्याबाई ने प्रभु सेवा और जनसेवा को कभी अलग नहीं माना। वे हमेशा शिवलिंग अपने साथ रखती थीं और चुनौतीपूर्ण समय में भी अपने राज्य को समृद्धि को नई दिशा दी। उनकी सोच थी कि शासन का अर्थ जनता की सेवा करना और उनके जीवन को बेहतर बनाना है। आज शुरू की गई परियोजनाएं उनकी इस सोच को साकार करती हैं।”
अहिल्या बाई के कार्यों को याद करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “लोकमाता देवी अहिल्याबाई का नाम सुनते ही मन में श्रद्धा का भाव उमड़ पड़ता है। उनके महान व्यक्तित्व के बारे में बोलने के लिए शब्द कम पड़ जाते हैं। देवी अहिल्याबाई प्रतीक हैं कि जब इच्छाशक्ति होती है, दृढ़ प्रतिज्ञा होती है, तो परिस्थितियां कितनी ही विपरीत क्यों न हों, परिणाम लाकर दिखाया जा सकता है। 250-300 साल पहले जब देश गुलामी की जंजीरों में जकड़ा हुआ था, उस समय ऐसे महान कार्य कर जाना कि आने वाली अनेक पीढ़ियां उसकी चर्चा करें, ये कहना तो आसान है, करना आसान नहीं था। अहिल्याबाई ने प्रभुसेवा और जनसेवा को कभी अलग नहीं माना। कहते हैं कि वे हमेशा शिवलिंग अपने साथ लेकर चलती थीं।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को मध्य प्रदेश के दतिया और सतना हवाई अड्डों सहित इंदौर मेट्रो की शुरुआत और कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं से मध्य प्रदेश में सुविधाएं बढ़ेंगी, विकास को गति मिलेगी और रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। इन परियोजनाओं में और दतिया व सतना को हवाई सेवा से जोड़ना शामिल है। उन्होंने मध्य प्रदेश की जनता को इन विकास कार्यों के लिए बधाई दी और कहा कि यह राज्य के उज्ज्वल भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि ये कदम मध्य प्रदेश के विकास को नई गति देंगे। उन्होंने लोकमाता अहिल्याबाई के जीवन से प्रेरणा लेने का आह्वान किया और कहा कि उनकी तरह हमें भी समाज और देश की सेवा के लिए समर्पित रहना चाहिए।
आज का दिन 140 करोड़ भारतीयों के लिए प्रेरणा का अवसर है। लोकमाता की 300वीं जन्मजयंती हमें राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के लिए प्रेरित करती है।” प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में मातृशक्ति को नमन करते हुए कहा, “मैं मां भारती और देश की माताओं, बहनों और बेटियों को प्रणाम करता हूं। आज यहां इतनी बड़ी संख्या में माताएं-बहनें-बेटियां हमें आशीर्वाद देने आई हैं। उनके दर्शन से मैं धन्य महसूस कर रहा हूं।”