सरकारी बैंकों ने नए क्रेडिट असेसमेंट मॉडल से एमएसएमई के 98,995 लोन आवेदनों को मंजूरी दी

नई दिल्ली: सरकारी बैंकों ने नए क्रेडिट असेसमेंट मॉडल से इस साल एक अप्रैल से 15 जुलाई के बीच 98,995 एमएसएमई लोन आवेदनों को मंजूरी दी है। यह जानकारी सरकार की ओर से संसद में दी गई।
लोकसभा में एक सवाल के जवाब में लिखित में जानकारी देते हुए केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि नए डिजिटल क्रेडिट असेसमेंट मॉडल के माध्यम से बैंक लोन पर निर्णय अधिकतम एक दिन के भीतर किया जाता है, जिससे मैनुअल तरीकों की तुलना में टर्न अराउंड टाइम (टीएटी) में काफी कमी आती है।
इस मॉडल के उपयोग से एमएसएमई को होने वाले लाभों में ऑनलाइन माध्यम से कहीं से भी आवेदन जमा करना, कागजी कार्रवाई और शाखा में जाने की आवश्यकता में कमी, डिजिटल माध्यम से तत्काल सैद्धांतिक स्वीकृति, लोन प्रस्तावों की बिना रुकावट के प्रोसेसिंग, कम टीएटी, डेटा एवं लेनदेन व्यवहार के आधार पर लोन निर्णय आदि शामिल हैं।
नए मॉडल के तहत, लोन पर फैसला डेट एवं लेनदेन व्यवहार और उधारकर्ता के क्रेडिट इतिहास पर आधारित होता है। इसके अलावा, लोन के लिए अनुरोध प्रस्तुत करना और उसका मूल्यांकन पूरी तरह से डिजिटल प्रक्रिया के माध्यम से किया जाता है, जिसके कारण लोन की जानकारी का धोखाधड़ीपूर्ण प्रस्तुतीकरण और निर्णय लेने में गलती की संभावना कम होती है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह सिस्टम-जनरेटेड क्रेडिट लॉजिक और स्कोरकार्ड का उपयोग करके लोन पात्रता के तेज, पारदर्शी और अधिक लक्षित मूल्यांकन को संभव बनाता है।
एमएसएमई के लिए नए डिजिटल क्रेडिट असेसमेंट मॉडल की घोषणा केंद्रीय बजट 2024-25 में की गई थी। इस मॉडल में यह परिकल्पना की गई थी कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक बाहरी मूल्यांकन पर निर्भर रहने के बजाय, एमएसएमई के लोन आवेदन का मूल्यांकन करने के लिए अपनी आंतरिक क्षमता का निर्माण करेंगे।
नए डिजिटल क्रेडिट असेसमेंट मॉडल की शुरूआत से बैंकों के एमएसएमई लोन के लिए बुनियादी पात्रता मानदंडों में कोई मौलिक परिवर्तन नहीं आया है।