धान की खेती से ज्यादा उपज चाहिए? ये तरीके आजमाएं, फायदा जरूर होगा

Paddy-Crops

बाराबंकी (उत्तर प्रदेश)। धान की फसल आमदनी का बड़ा जरिया है, लेकिन कई किसान यह शिकायत करते हैं कि मेहनत बहुत होती है, पर उपज उम्मीद से कम मिलती है। असल में, अगर खेती का तरीका थोड़ा बदला जाए और कुछ बातों का ध्यान रखा जाए, तो धान की पैदावार में काफी इजाफा हो सकता है।

1. अच्छी किस्म का बीज चुने
सबसे पहले बीज का चुनाव बहुत जरूरी है। ऐसी किस्में लें जो आपके इलाके की मिट्टी और मौसम के मुताबिक हों। जैसे पूसा-44, स्वर्णा, MTU-1010, या शरबती जैसी किस्में अच्छी उपज देती हैं और जल्दी पकती हैं।

2. नर्सरी और रोपाई का सही समय
धान की नर्सरी अच्छे ढंग से तैयार करें। बीज शुद्ध हो और नर्सरी में गोबर की खाद जरूर डालें। पौध तैयार होने के 20-25 दिन बाद रोपाई कर दें। देर से रोपाई करने पर फसल कमजोर पड़ सकती है।

3. खेत की तैयारी और पानी का सही इंतजाम
रोपाई से पहले खेत को समतल और नरम बना लें ताकि पानी सही तरीके से रुके। रोपाई के बाद लगातार पानी भरा न रखें। ‘गीला-सूखा’ तकनीक (Alternate Wetting and Drying) अपनाएं, इससे पानी की भी बचत होगी और पैदावार भी बढ़ेगी।

4. खाद और जैविक तरीका अपनाएं
गोबर की सड़ी खाद, नीम की खली और वर्मी कम्पोस्ट जैसे जैविक खादों का इस्तेमाल करें। साथ ही, मिट्टी जांच कराकर रासायनिक उर्वरक NPK की सही मात्रा दें। संतुलित मात्रा में खाद देने से पौधा मजबूत होता है और दाने भरे रहते हैं।

5. कीटों से बचाव जरूरी है
धान की फसल में तना छेदक और झुलसा रोग जैसे खतरे रहते हैं। समय पर निगरानी करें और जैविक या कम ज़हरीले कीटनाशकों का प्रयोग करें। सरकार की तरफ से कृषि विज्ञान केंद्रों पर इसकी मुफ्त सलाह भी मिलती है।

6. कटाई समय से करें, नुकसान से बचें
जब 80-90 फीसदी दाने पक जाएं, तभी कटाई करें। देर से कटाई करने पर दाने झड़ सकते हैं और नमी ज्यादा होने से दाने सड़ भी सकते हैं।

किसान भाई ध्यान दें:
खेती में मेहनत तो जरूरी है, लेकिन जानकारी के साथ की गई खेती ज्यादा मुनाफा देती है। नजदीकी कृषि केंद्र या वैज्ञानिकों से सलाह लें और नई तकनीकों से जुड़ें। खेती बदलेगी, तो आमदनी भी बढ़ेगी।