अब हर प्रॉपर्टी डील पर रहेगी आयकर विभाग की पैनी नजर, ऐसे काम करेगा नया सिस्टम

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नई दिल्ली: नए पंजीकरण विधेयक-2025 के तहत हर संपत्ति लेनदेन के लिए ओटीपी-आधारित सत्यापन अनिवार्य होगा, जिससे आयकर विभाग को हर छोटी-बड़ी खरीद की डिजिटल जानकारी मिल सकेगी। यह बदलाव बेनामी संपत्तियों पर अंकुश लगाने और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए किया जा रहा है।

कैसे काम करेगी नई व्यवस्था?

  1. पैन और आधार का दोहरा सत्यापन: संपत्ति खरीदार और विक्रेता के पैन कार्ड को ओटीपी के जरिए सत्यापित किया जाएगा। आधार नंबर का सत्यापन किया जाएगा।

अंतिम मंजूरी: सब-रजिस्ट्रार अपने अधिकृत मोबाइल पर प्राप्त ओटीपी से लेनदेन को अंतिम मंजूरी देगा। सत्यापन के बाद डिजिटल कॉपी सीधे आयकर विभाग को भेजी जाएगी ।

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  1. आयकर विभाग की निगरानी: एआई सिस्टम खरीदार की पिछले 5-6 साल की आय और संपत्तियों का विश्लेषण करेगा। यदि कोई आय से अधिक मूल्य की संपत्ति खरीदता है, तो ऑटोमेटिक नोटिस जारी होगा। इससे संदिग्ध लेनदेन पकड़ना आसान होगा ।

यूपी ने शुरू की डिजिटल पहल, अब देशभर में संपत्ति रजिस्ट्री होगी पारदर्शी
उत्तर प्रदेश पहले ही पैन-आधार सत्यापन प्रणाली लागू कर चुका है। पिछले सप्ताह से आयकर विभाग को यहां के सभी बैनामों की डिजिटल कॉपियां मिल रही हैं। नए कानून के बाद अन्य राज्यों को भी यह व्यवस्था लागू करनी होगी ।

दान या गिफ्ट में दी गई संपत्ति पर भी रहेगी कड़ी नजर
नई प्रणाली दान या गिफ्ट में दी गई संपत्तियों को भी ट्रैक करेगी। जांच में पाया गया है कि कई मामलों में लोग पहले किसी अन्य के नाम पर संपत्ति खरीदते हैं और बाद में उसे “दान” के रूप में अपने नाम ट्रांसफर कर लेते हैं। इस गैर-कानूनी प्रथा पर रोक लगेगी ।

नए विधेयक की प्रमुख विशेषताएं
ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन: घर बैठे डिजिटल रजिस्ट्रेशन की सुविधा, जिससे भौतिक दस्तावेजों की जरूरत खत्म होगी ।

अनिवार्य पंजीकरण का विस्तार: अब विक्रय अनुबंध, पावर ऑफ अटॉर्नी, वसीयत और न्यायालयीन प्रमाणपत्र जैसे दस्तावेजों का रजिस्ट्रेशन भी अनिवार्य होगा ।

रजिस्ट्रार के अधिकार बढ़े: पंजीकरण अधिकारी को दस्तावेज अस्वीकार करने का अधिकार मिलेगा, जिससे कानूनी प्रक्रिया मजबूत होगी ।