प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत 10,907 करोड़ के 5 लाख से अधिक ऋण आवेदन स्वीकृत

प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना (पीएमएसजीएमबीवाई) ने स्वच्छ और सस्ती सौर ऊर्जा से घरों को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) ने सितंबर 2025 तक ₹10,907 करोड़ की राशि के 5.79 लाख से अधिक ऋण आवेदनों को स्वीकृति दी, जिससे घरों की छत पर सौर ऊर्जा प्रणाली स्थापित करने के लिए लाभार्थियों को मिलने वाली वित्तीय सहायता में वृद्धि हुई है।
ऋण देने की प्रक्रिया जनसमर्थ पोर्टल के माध्यम से पूरी की जाती है
वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को एक बयान जारी कर यह जानकारी दी है। प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ़्त बिजली योजना के कार्यान्वयन को ऋण वितरण प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करके, कम ब्याज दरों पर ज़मानत से मुक्त सस्ते ऋण की सुविधा प्रदान करके और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के माध्यम से सरलीकृत वित्तपोषण के माध्यम से सक्रिय रूप से समर्थन दिया जा रहा है। इस सिलसिले में ऋण देने की प्रक्रिया जनसमर्थ पोर्टल के माध्यम से पूरी की जाती है जो प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ़्त बिजली योजना के राष्ट्रीय पोर्टल (pmsuryaghar.gov.in) के साथ जुड़ा हुआ है। इससे लाभार्थियों के लिए निर्बाध डिजिटल आवेदन प्रक्रिया, बेहतर उपयोगकर्ता अनुभव और डेटा-आधारित निर्णय लेने की प्रक्रिया सुनिश्चित होती है।
ऋण योजना के प्रमुख लाभ
इस आदर्श ऋण योजना में जो प्रमुख लाभ शामिल हैं, उनमें बिना किसी संपत्ति संबंधी जमानत के प्रतिस्पर्धी ब्याज पर 2 लाख रुपये तक का ऋण, बिजली की लागत बचत के अनुरूप पुनर्भुगतान के लिए लंबी अवधि, भुगतान से 6 महीने की स्थगन अवधि, आवेदक की ओर से कम अंतर पर योगदान और स्वयं-घोषणा के आधार पर डिजिटल स्वीकृति प्रक्रिया शामिल हैं।

ऋण योजना में सुधार
दरअसल, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की सक्रिय भागीदारी से ऋण देने की प्रक्रिया को आसान बनाने और योजना की पहुंच बढ़ाने के लिए कई सुधार किए गए हैं। उपयोगकर्ताओं से प्राप्त प्रतिक्रिया के आधार पर ऋण योजना में उल्लेखनीय सुधार किए गए हैं, जिनमें पात्रता का दायरा बढ़ाने के लिए सह-आवेदकों को जोड़ना, क्षमता-आधारित सीमाएं हटाना और दस्तावेज़ संबंधी आवश्यकताओं को सरल बनाना शामिल हैं।
वहीं, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के समन्वय से वित्तीय सेवा विभाग इस योजना के अंतर्गत ऋणों की प्रगति की सक्रिय रूप से समीक्षा करता है और राज्य स्तरीय बैंकर्स समितियों तथा अग्रणी जिला प्रबंधकों के साथ सहयोग के माध्यम से इसके कार्यान्वयन को मजबूत करता है जिससे योजना को तेजी से अपनाया जा सके, इसकी बेहतर पहुंच हो और इसका व्यापक रूप से प्रसार हो सके।
