मनरेगा योजना से ग्रामीण परिवारों के आजीविका संसाधनों में हो रही वृद्धि
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य के नेतृत्व व निर्देशन ग्रामीण परिवेश में रह रहे परिवारों के जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए एवं उनकी आजीविका संसाधनों में वृद्धि के लिए विभाग के माध्यम से हर वो प्रयास किये जा रहे हैं जिससे ग्रामीण गरीब परिवारों का आर्थिक, सामाजिक व शैक्षिक उन्नयन जा सके। मनरेगा एक महत्वाकांक्षी योजना है इसके अंतर्गत व्यक्तिगत लाभार्थीपरक कार्यों का लाभ लेकर ग्रामीण परिवार अपनी आर्थिक स्थिति भी बेहतर कर रहे हैं।
जाब कार्ड धारकों को अपने आजीविका संवर्धन सम्बन्धी गतिविधियां करने मे जहां मटेरियल आदि मनरेगा से दिया जाता है वहीं उनके उस कार्य को बतौर श्रमिक कार्य करने पर मनरेगा से पारिश्रमिक का भुगतान भी किया जाता है। जैसे प्रधानमंत्री आवास योजना- ग्रामीण या मुख्यमंत्री आवास योजना- ग्रामीण में जहां निर्धारित धनराशि प्रदान की जाती है वहीं आवास निर्माण में उन्हें 90/95 दिन कुछ मजदूरी भी दी जाती है।
ग्राम्य विकास विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार
ग्रामीण परिवारों के आजीविका संसाधनों में वृद्धि हेतु पशु शेड, बकरी शेड, मुर्गी शेड,नेडेप कम्पोस्ड/वर्मी कम्पोस्ड आदि का लाभ दिया जा रहा है। इस वर्ष अब तक मनरेगा योजनांतर्गत पशुधन संवर्धन संबंधी 11,858 कार्य पूर्ण कराये जा चुके हैं,इसी तरह के 55 हजार से ज्यादा कार्य प्रगतिशील हैं।
वित्तीय वर्ष 2022-23 में प्रदेश के अंतर्गत 1.66 लाख व्यक्तिगत लाभार्थीपरक कार्य कराये गये , वहीं वित्तीय वर्ष 2023-24 में प्रदेश में 1,60,329 व्यक्तिगत लाभार्थीपरक कार्य कराये गये। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक प्रदेश में 1.27 लाख से भी ज्यादा व्यक्तिगत लाभार्थीपरक कार्य कराये गये हैं।
व्यक्तिगत कार्यों में जैसे -ग्रामीण परिवारों के आजीविका संसाधनों में वृद्धि हेतु पशु शेड, बकरी शेड, मुर्गी शेड,वर्मी कंपोस्ट पिट निर्माण, तालाब व झील निर्माण, मछली पालन, व्यक्तिगत भूमि में पौधरोपण आदि का लाभ दिया जा रहा है।योजनांतर्गत कृषकों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने हेतु व्यक्तिगत भूमि पर खेत तालाब निर्माण का कार्य कराया जा रहा है, जिससे उनकी आजीविका में भी वृद्धि हो रही है।
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) ग्रामीण क्षेत्रों में निवास कर रहे लोगों को उनके गांव में ही रोजगार देने का कार्य तो कर ही रही है, साथ ही योजना के तहत अपना जीवन स्तर सुधारने के इच्छुक लोगों को विभिन्न व्यक्तिगत लाभार्थीपरक कार्यों का लाभ देकर उनके जीवन स्तर में सुधार लाने की कोशिश की जा रही है। ग्रामीण परिवारों के आजीविका संसाधनों में वृद्धि हेतु सरकार हर मुमकिन प्रयास कर रही है। बता दें कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGS) एक मांग आधारित मजदूरी रोजगार कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले परिवारों की आजीविका सुरक्षा को बढ़ाना है। इसके तहत हर वित्तीय वर्ष में हर उस परिवार को कम से कम 100 दिन की गारंटीकृत मजदूरी रोजगार प्रदान किया जाता है, जिसके वयस्क सदस्य अकुशल शारीरिक श्रम करने के लिए स्वेच्छा से काम करते हैं।
आयुक्त, ग्राम्य विकास, उ0प्र0 जी0एस0 प्रियदर्शी द्वारा बताया गया कि ग्रामीण परिवारों के इच्छुक लोगों को मनरेगा योजनांतर्गत विभिन्न व्यक्तिगत लाभार्थीपरक कार्यों का लाभ देकर उनके आर्थिक स्तर को उठाने का प्रयास निरंतर जारी है। इन कार्यों के माध्मय से रोजगार का भी सृजन हो रहा है।