सऊदी अरब-पाकिस्तान रक्षा समझौते पर भारत की प्रतिक्रिया- ‘राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध’

नई दिल्ली: सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुए रणनीतिक पारस्परिक रक्षा समझौते ने क्षेत्रीय सुरक्षा परिदृश्य में नई बहस छेड़ दी है। इस समझौते पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की रियाद यात्रा के दौरान सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के साथ हस्ताक्षर किए गए। भारत ने इस घटनाक्रम को लेकर कहा है कि वह अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ-साथ क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता पर इस घटनाक्रम के प्रभावों का अध्ययन करेगा।
समझौते की मुख्य बातें

इस समझौते के तहत, पाकिस्तान या सऊदी, दोनों में से किसी एक देश पर अगर हमला होता है, तो उसे दोनों पर हमला माना जाएगा, ठीक उसी तरह जैसे नाटो देशों के बीच देखा जाता है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार, यह समझौता दोनों देशों के बीच न केवल संयुक्त सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करेगा, बल्कि वैश्विक और क्षेत्रीय शांति एवं स्थिरता के लिए दोनों देशों की साझा प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।
बयान में कहा गया कि यह समझौता अपनी सुरक्षा बढ़ाने, क्षेत्र और दुनिया में सुरक्षा और शांति प्राप्त करने के लिए दोनों देशों की साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग के पहलुओं को विकसित करना और किसी भी आक्रामकता के खिलाफ संयुक्त प्रतिरोध को मजबूत करना है। समझौते में कहा गया है कि किसी भी देश के खिलाफ कोई भी आक्रामकता दोनों के खिलाफ आक्रामकता मानी जाएगी।

दोनों देशों के बीच यह समझौता ऐसे समय में हुआ है, जब हाल ही में इजरायल द्वारा कतर में हमास नेताओं पर किए गए हमले ने खाड़ी देशों में असुरक्षा की भावना को बढ़ाया है, खासकर उन देशों में जो दशकों से अमेरिका की सुरक्षा गारंटी पर निर्भर रहे हैं।
भारत का आधिकारिक बयान

इसी बीच, भारत में विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इस पूरे मामले पर कहा, “हमने सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच एक रणनीतिक पारस्परिक रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर की खबरें देखी हैं। सरकार को इस बात की जानकारी थी कि यह घटनाक्रम, जो दोनों देशों के बीच एक दीर्घकालिक समझौते को औपचारिक रूप देता है, विचाराधीन था। हम अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ-साथ क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता पर इस घटनाक्रम के प्रभावों का अध्ययन करेंगे। सरकार भारत के राष्ट्रीय हितों की रक्षा और सभी क्षेत्रों में व्यापक राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।”