भारत का डिजिटल ढांचा विश्व के लिए समावेशी एआई मॉडल का आधार: UNDP
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) की एक नई रिपोर्ट के अनुसार, भारत डिजिटल असमानता को कम करने और दुनिया के लिए समावेशी कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का भविष्य तैयार करने की उत्कृष्ट क्षमता रखता है। यह रिपोर्ट मंगलवार को जारी की गई।
रिपोर्ट कहती है कि जहां कुछ देशों में डिजिटल ढांचा मजबूत है, वहीं कई देशों में कम इंटरनेट कनेक्टिविटी, अपर्याप्त कौशल और कमजोर बुनियादी ढांचे के कारण अंतर बढ़ रहा है।
AI की तेज़ प्रगति इन असमानताओं को और बढ़ा सकती है।
एशिया-प्रशांत क्षेत्र पर केंद्रित इस रिपोर्ट ने चेतावनी दी कि यदि समय पर कदम नहीं उठाए गए, तो AI आय, अवसर और शासन के क्षेत्रों में असमानताओं को और बढ़ा सकता है, जिससे पिछले कई वर्षों में वैश्विक असमानता को कम करने में हुई प्रगति कमजोर हो सकती है।
लेकिन रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि भारत के—
डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर,
तेजी से बढ़ते AI अनुसंधान ढांचे,
और विशाल तकनीकी कार्यबल
की वजह से सार्वजनिक हित के लिए AI का बड़े पैमाने पर उपयोग करने की मजबूत नींव मौजूद है।
UNDP इंडिया की प्रतिनिधि डॉ. एंजेला लुसिगी के अनुसार,
“भारत की डिजिटल क्षमता उसे ऐसा AI भविष्य बनाने में बढ़त देती है जो सभी के लिए काम करे। AI स्वास्थ्य सेवाओं, जलवायु अनुकूलन और सार्वजनिक सेवाओं को मजबूत कर रहा है। असली चुनौती यह सुनिश्चित करना है कि ये लाभ हर समुदाय तक पहुंचें।”
उन्होंने कहा कि भारत को ऐसे विकल्प चुनने होंगे जो AI के लाभ ग्रामीण क्षेत्रों, महिलाओं और युवाओं तक पहुँचाएँ—सिर्फ उन्हीं तक सीमित न रहें जो पहले से जुड़े हुए हैं।
रिपोर्ट ने भारत को एक ऐसे देश के रूप में प्रस्तुत किया है जो सुरक्षित और समावेशी तरीके से AI को बड़े पैमाने पर लागू करने का उदाहरण बन सकता है।

भारत में AI के उपयोग के प्रमुख उदाहरण
आधार, दुनिया की सबसे बड़ी बायोमेट्रिक पहचान प्रणाली, अब AI से जुड़कर धोखाधड़ी रोकने और लाभार्थियों को सही सहायता पहुँचाने में उपयोग हो रही है।
स्वास्थ्य क्षेत्र में टीबी जांच के लिए छाती के एक्स-रे पढ़ने में AI का बढ़ता उपयोग।
जलवायु परिवर्तन के लिए बाढ़ और मौसम परिस्थितियों की भविष्यवाणी।
कृषि क्षेत्र में जलवायु-संवेदनशील जिलों की पहचान और जलवायु-स्मार्ट कृषि को बढ़ावा।
जैव विविधता संरक्षण में AI आधारित प्रजाति पहचान और वास्तविक समय अलर्ट।
रिपोर्ट ने कहा कि AI का दीर्घकालिक प्रभाव इस बात पर निर्भर करेगा कि आज डिजिटल शासन, समावेशन और सुरक्षा में कितने मजबूत निवेश किए जाते हैं।
यह भारत से आग्रह करती है कि वह लोग-केन्द्रित AI पर नेतृत्व बनाए रखे, जिसमें पारदर्शिता, समान पहुँच और वंचित समुदायों की भागीदारी पर जोर हो।
अंत में रिपोर्ट में कहा गया,
“सही नीतियों के साथ भारत क्षेत्र को असमानता के नए युग से बचा सकता है और एक समावेशी AI भविष्य की ओर ले जा सकता है, जो सतत विकास लक्ष्यों को आगे बढ़ाए।”

