भारत-रूस: संयुक्त राष्ट्र और बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग के लिए दोनों देश एकजुट
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अपनी दो दिवसीय राजकीय यात्रा पर भारत आए थे। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति पुतिन ने आर्थिक संबंधों को मजबूत करने और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग का विस्तार करने की प्रतिबद्धता दोहराई। साथ ही, दोनों पक्षों ने संयुक्त राष्ट्र और बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की।
संयुक्त राष्ट्र से जुड़े मुद्दों पर उच्च-स्तरीय राजनीतिक संवाद और सहयोग को मजबूत करने की आवश्यकता पर बल
दोनों देशों ने संयुक्त राष्ट्र से जुड़े मुद्दों पर उच्च-स्तरीय राजनीतिक संवाद और सहयोग को मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र की केंद्रीय समन्वयकारी भूमिका के साथ बहुपक्षवाद को पुनर्जीवित करने और अंतरराष्ट्रीय कानून के सम्मान को प्राथमिकता देने की महत्वता को रेखांकित किया। साथ ही संयुक्त राष्ट्र चार्टर के उद्देश्यों और सिद्धांतों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
रूस ने की सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता के प्रति अपने मजबूत समर्थन की पुनर्पुष्टि
भारत और रूस ने वैश्विक वास्तविकताओं को ध्यान में रखते हुए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में व्यापक सुधार की आवश्यकता पर सहमति जताई। रूस ने सुधारित और विस्तारित सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता के प्रति अपने मजबूत समर्थन की पुनर्पुष्टि की।
दोनों पक्षों ने जी20 मंच पर अपने सहयोग को रेखांकित करते हुए इसे और मजबूत करने का संकल्प लिया
दोनों पक्षों ने जी20 मंच पर अपने सहयोग को रेखांकित करते हुए इसे और मजबूत करने का संकल्प लिया। उन्होंने कहा कि भारत की 2023 की जी20 अध्यक्षता ने वैश्विक दक्षिण की प्राथमिकताओं को अंतरराष्ट्रीय आर्थिक एवं वित्तीय एजेंडे में मजबूती से स्थापित किया। अफ्रीकी संघ को जी20 की पूर्ण सदस्यता दिए जाने को भी एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया गया। उन्होंने ‘वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ’ वर्चुअल शिखर सम्मेलन के आयोजन का स्वागत किया, जिसने विकासशील देशों की स्थिति को मजबूत किया है।
जी20 एक प्रमुख अंतरराष्ट्रीय आर्थिक मंच
भारत और रूस ने इस बात पर जोर दिया कि जी20 एक प्रमुख अंतरराष्ट्रीय आर्थिक मंच है, जहां विकसित और उभरती अर्थव्यवस्थाओं को समान और पारस्परिक रूप से लाभकारी संवाद का अवसर मिलता है। उन्होंने आम सहमति और प्रमुख उद्देश्यों पर केंद्रित रहकर जी20 के निरंतर और प्रभावी कामकाज के महत्व को स्वीकार किया।

ब्रिक्स साझेदारी को मजबूत करने के महत्व पर बल
दोनों देशों ने ब्रिक्स साझेदारी को मजबूत करने के महत्व पर बल दिया और राजनीतिक-सुरक्षा, आर्थिक-वित्तीय तथा सांस्कृतिक और जन-से-जन संपर्क के तीन स्तंभों के तहत विस्तारित ब्रिक्स में सहयोग बढ़ाने का संकल्प लिया। रूस ने 2026 में भारत की आगामी ब्रिक्स अध्यक्षता को पूर्ण समर्थन देने का आश्वासन दिया।
शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के ढांचे में अपने संयुक्त कार्य को भी मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर
भारत और रूस ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के ढांचे में अपने संयुक्त कार्य को भी मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया। भारत ने 17-18 नवंबर 2025 को मॉस्को में एससीओ सरकार प्रमुखों की बैठक की सफल मेजबानी के लिए रूस की सराहना की। वहीं, रूस ने भारत की पहल पर स्थापित किए जा रहे ‘एससीओ सभ्यता संवाद मंच’ की प्रशंसा की, जिसका उद्घाटन सत्र 2026 में भारत में आयोजित होगा।
बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था के निर्माण में एससीओ की भूमिका महत्वपूर्ण
दोनों पक्षों ने अंतरराष्ट्रीय कानून, सांस्कृतिक विविधता और सभ्यतागत मूल्यों पर आधारित एक प्रतिनिधित्वपूर्ण, लोकतांत्रिक और न्यायसंगत बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था के निर्माण में एससीओ की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया। साथ ही एससीओ में राजनीति, सुरक्षा, अर्थव्यवस्था, संस्कृति और मानवीय सहयोग को मजबूत करने पर भी बल दिया।
एससीओ के आधुनिकीकरण की आवश्यकता
इस संदर्भ में दोनों देशों ने एससीओ के आधुनिकीकरण की आवश्यकता जताई, विशेष रूप से आतंकवाद, उग्रवाद, अलगाववाद, मादक पदार्थों की तस्करी, सीमा-पार संगठित अपराध और सूचना सुरक्षा से संबंधित खतरों से निपटने में। इसके तहत ताशकंद में सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए ‘यूनिवर्सल सेंटर’ और दुशांबे में ‘ड्रग प्रिवेंशन सेंटर’ की स्थापना पर विशेष ध्यान देने की बात कही गई।

