भारत और ऑस्ट्रिया ने द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा, क्षेत्रीय और वैश्विक विकास पर हुई चर्चा
भारत और ऑस्ट्रिया ने शुक्रवार को वियना में 8वीं विदेश कार्यालय परामर्श बैठक का आयोजन किया, जिसमें द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं की व्यापक समीक्षा की गई। दोनों पक्षों ने राजनीतिक संवाद, व्यापार और आर्थिक सहयोग, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, सांस्कृतिक आदान-प्रदान तथा जन-जन संपर्क सहित विभिन्न क्षेत्रों पर विचार-विमर्श किया। बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विदेश मंत्रालय (एमईए) के सचिव (पश्चिम) सिबी जॉर्ज ने किया, जबकि ऑस्ट्रियाई पक्ष का नेतृत्व यूरोपीय एवं अंतर्राष्ट्रीय मामलों के संघीय मंत्रालय के विदेश मामलों के महासचिव निकोलस मार्सचिक ने किया।
प्रमुख क्षेत्रीय और वैश्विक घटनाक्रमों पर विचारों का आदान-प्रदान
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “विदेश कार्यालय परामर्श के दौरान दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय संबंधों के संपूर्ण दायरे की व्यापक समीक्षा की। भारत-यूरोपीय संघ संबंधों के साथ-साथ पारस्परिक हित के प्रमुख क्षेत्रीय और वैश्विक घटनाक्रमों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया गया। चर्चा में राजनीतिक संवाद, व्यापार एवं आर्थिक सहयोग, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और जन-संपर्क सहित कई क्षेत्र शामिल रहे। अंतरराष्ट्रीय और बहुपक्षीय मंचों पर दोनों देशों के बीच सहयोग पर भी चर्चा हुई।”
दोनों देशों के बीच बढ़ती साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए भारत की प्रतिबद्धता
दोनों देशों के अधिकारियों ने नियमित आधिकारिक संवाद बनाए रखने तथा अगली विदेश कार्यालय परामर्श बैठक आपसी सहमति से सुविधाजनक समय पर नई दिल्ली में आयोजित करने पर सहमति व्यक्त की। इससे पहले अक्टूबर में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अपनी ऑस्ट्रियाई समकक्ष बीट मीनल-रीसिंगर और ऑस्ट्रिया की जनता को उनके राष्ट्रीय दिवस पर बधाई दी थी तथा दोनों देशों के बीच बढ़ती साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए भारत की प्रतिबद्धता दोहराई थी।
भारत-ऑस्ट्रिया साझेदारी को और सुदृढ़ करने के लिए तत्पर

विदेश मंत्री जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर बीट मीनल-रीसिंगर के साथ एक तस्वीर साझा करते हुए लिखा, “ऑस्ट्रिया की विदेश मंत्री बीट मीनल-रीसिंगर, ऑस्ट्रिया सरकार और वहां की जनता को उनके राष्ट्रीय दिवस की हार्दिक बधाई। भारत-ऑस्ट्रिया साझेदारी को और सुदृढ़ करने के लिए तत्पर हूं।” सितंबर में न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र के दौरान विदेश मंत्री जयशंकर ने बीट मीनल-रीसिंगर से मुलाकात की थी। इससे पहले, मई में उन्होंने टेलीफोन पर बातचीत कर ऑस्ट्रिया की विदेश मंत्री के रूप में उनकी नियुक्ति पर बधाई दी थी।
आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति पर सहमति
दोनों नेताओं ने आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने और परमाणु ब्लैकमेल का कड़ा विरोध करने पर सहमति जताई। वार्ता के बाद विदेश मंत्री जयशंकर ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “ऑस्ट्रिया की विदेश मंत्री बीट मीनल-रीसिंगर के साथ हुई बातचीत की सराहना करता हूं। उन्हें उनकी नियुक्ति पर बधाई दी। आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस और परमाणु ब्लैकमेल के कड़े विरोध पर सहमति व्यक्त की। हमारे उत्कृष्ट द्विपक्षीय संबंधों और यूक्रेन संघर्ष पर भी चर्चा हुई।”
भारत और ऑस्ट्रिया के बीच राजनयिक संबंध वर्ष 1949 से स्थापित
भारत और ऑस्ट्रिया के बीच राजनयिक संबंध वर्ष 1949 में स्थापित हुए थे। पिछले वर्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑस्ट्रिया की यात्रा की थी। यह यात्रा भारत-ऑस्ट्रिया राजनयिक संबंधों की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर हुई थी। ऑस्ट्रिया में भारतीय दूतावास के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति अलेक्जेंडर वान डेर बेलेन और तत्कालीन चांसलर कार्ल नेहमर से बातचीत की थी। इसके अलावा उन्होंने भारत-ऑस्ट्रिया व्यापार बैठक को संबोधित किया और भारतविदों सहित प्रमुख ऑस्ट्रियाई नागरिकों के साथ भी संवाद किया।

