सोफिया कुरैशी मामले में MP सरकार को हाईकोर्ट की फटकार, मंत्री के बयान को बताया ‘गटर की भाषा’

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भोपाल: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के जबलपुर हाईकोर्ट (Jabalpur High Court) ने सोफिया कुरैशी (Sofiya Qureshi) मामले में प्रदेश सरकार (State Goverment) को फटकार लगाई है. हाईकोर्ट ने गुरुवार को इस मामले की सुनवाई के दौरान एफआईआर (FIR) पर सरकार की ड्राफ्टिंग पर भी नाराजगी जताई. एफआई में शामिल बातों को स्पष्ट करें. समर वैकेशन के बाद यह मामला सुनवाई के लिए टॉप ऑफ द लिस्ट में शमिल होगा. जबलपुर हाईकोर्ट ने इस मामले में मंत्री के बयान को ‘गटर की भाषा’ करार दिया.

मध्य प्रदेश के जबलपुर हाईकोर्ट ने सोफिया कुरैशी मामले में प्रदेश सरकार को फटकार लगाई है. हाईकोर्ट ने गुरुवार को इस मामले की सुनवाई के दौरान एफआईआर पर सरकार की ड्राफ्टिंग पर भी नाराजगी जताई. एफआई में शामिल बातों को स्पष्ट करें. जबलपुर हाईकोर्ट ने इस मामले में मंत्री के बयान को ‘गटर की भाषा’ करार दिया है.

एमपी हाईकोर्ट में सोफिया कुरेशी मामले में अगली सुनवाई अब 16 जून को होगी. दरअसल, कर्नल सोफिया कुरेशी मामले को हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए मंत्री विजय शाह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए थे. अदालत ने एमपी सरकार में मंत्री विजय शाह की भाषा को बताया था “गटर की भाषा.” हाईकोर्ट के आदेश पर पुलिस ने देर रात विजय शाह पर केस दर्ज की. महाधिवक्ता ने अदालत को बताया कि हाईकोर्ट के आदेश पर FIR दर्ज कर ली गई है.

कोर्ट ने विजय शाह के बयान पर तल्ख टिप्पणी करते हुए 8 पन्नों का ऑर्डर दिया था. हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था, “संभवतः हमारे देश में सेना आखिरी ऐसी संस्था है, जो त्याग, बलिदान, साहस, एकता और अखंडता का प्रतीक है.’ हाईकोर्ट ने कहा कि कर्नल सोफिया ऑपरेशन सिंदूर की कामयाबी का बड़ा चेहरा हैं. उनके खिलाफ मंत्री विजय शाह ने गटर की भाषा का इस्तेमाल किया है.”

हाईकोर्ट ने कहा कि FIR इस तरीके से ड्राफ्ट की गई है, जिसमें अभियुक्त की करतूतों का जिक्र तक नहीं है. FIR को अगर चुनौती दी गई तो आसानी से रद्द हो सकती है. एफआईआर अदालत के विश्वास पर खरी नहीं उतरती. पुलिस FIR में जरूरी सुधार करे. पुलिस बिना किसी हस्तक्षेप और दबाव के FIR और जांच को आगे बढ़ाए. अदालत ने एफआईआर की टाइमिंग पर भी सवाल उठाए हैं.