चुनाव आयोग की महत्वपूर्ण बैठक, बिहार चुनाव की तैयारियों पर जोर

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भारत चुनाव आयोग (ECI) आज शुक्रवार को एनफोर्समेंट एजेंसियों/फोर्स के हेड्स के साथ मीटिंग कर रहा है। इस दौरान बिहार विधानसभा चुनावों के लिए निष्पक्ष और पारदर्शी मतदान सुनिश्चित करने की रणनीति पर चर्चा होगी। साथ ही चुनाव के दौरान कैश, शराब, ड्रग्स और दूसरे लालच के मूवमेंट से निपटने के लिए भी रणनीति पर चर्चा होगी। इस बैठक में बिहार के मुख्य सचिव, डीजीपी और मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) वर्चुअली शामिल हुए हैं।

बैठक का मुख्य उद्देश्य

बैठक का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि बिहार में होने वाले विधानसभा चुनावों के दौरान किसी भी अप्रिय स्थिति से बचा जा सके। इसके लिए एक व्यापक रूपरेखा तैयार की जाएगी। इस समिति में 17 विभाग शामिल हैं, जिनमें केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी), केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी), प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई), केंद्रीय आर्थिक खुफिया ब्यूरो (सीईआईबी), वित्तीय खुफिया इकाई (एफआईयू-आईएनडी), भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई), भारतीय बैंक संघ (आईबीए), नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी), रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ), सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी), ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी (बीसीएएस), भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण (एएआई) और डाक विभाग शामिल हैं।

बैठक में उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों द्वारा चुनाव के दौरान अवैध खर्च पर रोक लगाने के लिए ठोस कदम उठाने पर जोर होगा। सभी कानून प्रवर्तन एजेंसियों से सक्रिय और निवारक कार्रवाई करने को कहा गया है। इसके साथ ही, आर्थिक अपराधों से जुड़ी खुफिया जानकारी के आदान-प्रदान और एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल पर भी चर्चा होनी है।

चुनाव आयोग का लक्ष्य बिहार में स्वच्छ और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करना

अंतर्राज्यीय और अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के जरिए नकली मुद्रा, ड्रग्स, शराब और नकदी की तस्करी रोकने के उपायों पर भी विचार-विमर्श होगा। चुनाव आयोग का लक्ष्य बिहार में स्वच्छ और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करना है, जिसमें किसी भी तरह की गड़बड़ी को रोका जा सके। बैठक के बाद सभी एजेंसियों को स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे ताकि चुनाव प्रक्रिया सुचारू और पारदर्शी रहे। चुनाव आयोग के इस कदम से यह संकेत मिलता है कि बिहार चुनावों के लिए व्यापक तैयारियां की जा रही हैं और किसी भी तरह के अनियमितता पर सख्त नजर रखी जाएगी।

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